HMPV Alert: कोरोना के हॉट स्पॉट रहे भीलवाड़ा में नहीं है टेस्टिंग की सुविधा

Update: 2025-01-08 09:00 GMT

भीलवाड़ा(राजकुमार माली)। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मरीज कई राज्यों में सामने आ चुके हैंऔर इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन प्रदेश में कोरोना के हॉट स्पॉट बने भीलवाड़ा में इस वायरस के जांच की सुविधा नहीं है। परीक्षण के लिए भीलवाड़ा में किसी भी सरकारी और निजी प्रयोगशाला में आवश्यक किट भी उपलब्ध नहीं है। स्त्री अस्पताल में सैंपल लेकर बाहर भेजा जा सकता है लेकिन यहां जांच नहीं हो सकती।

भीलवाड़ा पहले देश में कोरोना का हॉटस्पॉट रह चुका है तब भी यहां जांच नहीं होती थी सैंपल लेकर ही बाहर भेजा जाता था बाद में यहां rtpcr की शुरुआत हुई और जांच होने लगी लेकिन नए वायरस की जांच की अभी कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्य चिकित्सा  स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सी पी गोस्वामी ने हलचल से बातचीत करते हुए कहा कि यहां तो जांच नहीं हो पा रही है लेकिन सैंपल लेकर बाहर भेजे जा सकते हैं यह व्यवस्था वर्तमान में उपलब्ध है।

उधर इसे वायरस को लेकर शहर में अभी कोई सतर्कता भी नहीं बरती जा रही है। जबकि कर्नाटक के साथ ही कुछ जगह मास्क लगाने के निर्देश दिए गए । विभाग भी अभी सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहा हैं। हालांकि वायरस को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। यह पहले से प्रचलित है। हमें जागरूक रहकर सावधानियां बरतनी चाहिए। यही अपील जिला कलेक्टर नमित मेहता भी लोगों से कर चुके हैं।

निजी प्रयोगशाला का प्रयास

डॉ. महेश गर्ग ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने प्रयोगशालाओं को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। कोरोना की तरह वायरस की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर परीक्षण किए जाएंगे, लेकिन किट उपलब्ध नहीं हैं।हमने किट का मंगवाने के लिए पूछताछ शुरू की है। किट उपलब्ध हो जाने के बाद भीलवाड़ा में ही परीक्षण हो जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक अभी इसके सैंपल मुंबई या दिल्ली भेजे जा सकतेहैं।




एचएमपीवी के सामान्य लक्षण

नाक बहना या बंद होना

गला खराब होना

सांस लेने में समस्या

खांसी और बुखार

बच्चों की देखभाल करें माता-पिता

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप ने बताया कि एचएमपीवी मुख्य रूप से कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले शिशुओं को प्रभावित करता है। इसके कोई भी लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। घबराने की बात नहीं है, लेकिन रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है।कोविड की तरह ही बचाव के उपाय करने की जरूरत है

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