जल्द शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, कोई बीमारी तो पढ़ें लक्षण और बचाव के तरीके, ताकि नहीं आए परेशानी

Update: 2024-06-25 10:33 GMT

भीलवाड़ा। हिंदूओं में अमरनाथ यात्रा का विशेष महत्व है। हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने जाते हैं। बाबा अमरनाथ तक की यात्रा जितनी धार्मिक है, यह उतनी ही कठिन और चुनौतीपूर्ण भी है। पहलगाम और बालटाल से गुफा के मार्ग पर अनगिनत बाधाएं आती हैं, प्रकृति यहां हर कदम पर परीक्षा लेती है।

बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया 15 अप्रैल से चल रही है। भीलवाड़ा से भी हर साल कई भक्त अमरनाथ गुफा दश्र्रन के लिए जाते हैं। कई बार लोग जानकारी के अभाव में जरुरी चीजें नहीं ले जाते हैं, स्वास्थ्य के प्रति जागरुक नहीं रहते हैं, अति उत्साह में सही तरीके से गुफा तक चढ़ाई नहीं करते हैं, इससे कई प्रकार की समस्याएं हो उत्पन्न हो जाती हैं।

घुटनों में दर्द हैं तो इनसे मिलेगी राहत

यात्रा के दौरान मार्ग में अक्सर खराब मौसम, चढ़ाई आदि कारणों से भक्तों की तबियत बिगड़ जाती है। कभी-कभी तो कुछ यात्रियों की हार्ट अटैक के कारण मृत्यु भी हो जाती है। लोगों को जागरुक करने के लिए भीलवाड़ा हलचल ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बचाव और उपाय और पूर्व में अमरनाथ यात्रा कर चुके भक्तों से अनुभव जाने।

ऑक्सीजन की कमी से हो सकती है बीमारी

हवा में ऑक्सीजन की कमी से ऐल्टीट्यूड सिकनेस बीमारी हो सकती है। यात्रा में जाते समय हर उम्र का व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है। इसके लक्षण सिरदर्द, मतली, उल्टी, भूख न लगना, थकान, अस्वस्थता (विशेष रूप से आराम करते समय), नींद में गड़बड़ी और चक्कर आना, सिर चकराना आदि हैं।

बचाव

हाथ-पैर सहित शरीर के सभी अंग ढककर रखें। यात्रा में भागे नहीं, जितनी क्षमता हो उतनी ही तेज चलें। अपने समूह में रहें, कोई भी समस्या होने पर निकटतम मेडिकल शिविर में संपर्क करें।

ये जांचें कराएं

मैदानी भागों से पहाड़ी और शीत प्रदेश में पहुंचने पर मौसम परिवर्तन के साथ कई कठिनाइयां हो जाती हैं। इस यात्रा में पर्वतों पर चढ़ाई करते समय शरीर में ऑक्सीजन की भी मात्रा कम होने की आशंका रहती है। इससे सांस फूलने, कन्फ्यूजन, बेहोशी, छाती में दर्द जैसी स्थिति आ सकती है, इसलिए ऊंचे पहाड़ी वाले स्थान पर जाने से पूर्व छुपे हुए रोगों का पता लगाने के लिए सीबीसी-ईसीजी और चेस्ट एक्स-रे की जांच जरूर करानी चाहिए। यात्रा पर जाने से पहले चार से पांच किमी तेज पैदल चलने का अभ्यास करें। इसके साथ ही डाइट में प्रोटीन आदि की उचित मात्रा शामिल करें।

ये लोग न करें यात्रा

फेफड़े का कैंसर, अस्थमा, टीबी, क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(सीओपीडी), वातस्फीति, ब्रोंकाइटिस, पुल्मनरी फाइब्रोसिस और सारकाइडोसिस आदि लोगों को अमरनाथ की यात्रा करने से बचना चाहिए।

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