श्रावण महीने मे फूल पत्तीयो से सझा भगवान देवनारायण का मुख्य पाट
लक्ष्मण मेघवंशी खजूरी - मुख्यालय के समीप उलेला ग्राम मे वर्षो पूर्व प्राकृतिक प्रकट भगवान देवनारायण का देवरा फूल पतियों से सजाया गया साथ ही शुभ शनिवार के अवसर पर महाआरती हुई , यही महाआरती तीन वक्त की जाती है,, शनिवार को दूर दराज से दुःखो को लेकर भक्तो का आगमन होता है,,, स्थानीय भक्तो नें बताया की यह देवरा लगभग 150 वर्ष पूराना बताया जाता है लेकिन प्रकासित नहीं था इसी दौरान 60 साल से कई चमत्कार को देखकर लोगों की आस्था का केंद्र बन गया आज भी किसी भी प्रकार की बीमारी हों यहाँ की नीम की पत्ती खाने से कैंसर, टीबी, किडनी, सहित कई बीमारियों का इलाज होता है,,इसी के साथ बांजपन की पीड़ा का समाधान भी भगवान देवनारायण के जल व नीम की पति के सेवन से समाधान होता है! यही कारज आस्था पर निर्भर है जिसकी जैसी आस्था होती है उसका वैसा ही काम होता है,,,
ये है यहाँ की विशेषता
देव नारायण भगवान के प्रांगण मे किसी भी प्रकार दान नहीं लिया जाता है, साथ ही चढ़ावा चढ़ाने के लिए सख्त मना किया जाता कोई धन राशि भी नहीं ली जाती है, क्युकि यहाँ की कमेठी का कहना है रुपयों पेसो से किसी दुःख नहीं कटता नारायण भगवान के निशुक्ल कार्ज होते है यहाँ केवल गौ माता का चारा एवं पक्षीयो के दानें की मांग की जाती जो जिसमे कोई भक्त बाध्य नहीं है
इन बीमारियों का होता है इलाज
भगवान देवनारायण जी असीम अनुकम्पा से यहाँ कई रोगी भर्ती किये जाते है जिसमे किडनी, कैंसर,टोना टोटका,ग्रह क्लेश, पेट की समस्या, लकवा, विवाह मे अड़चन जैसी समस्या एवं कई बीमारियों के इलाज मे कृपा बरसती है,, कहते है की आस्था मे परमात्मा का निवास होता है उसी प्रकार यहाँ जिसकी जैसी भावना होती उसकी वैसी मनोकामना पूरी होती है,