लोकअदालत का फैसला- बीमा कंपनी को बीमा क्लेम की राशि अदा करने के आदेश

By :  prem kumar
Update: 2024-09-28 14:40 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। न्यायालय स्थाई लोक अदालत ने परिवादी राजुलाल रैगर के परिवाद पर युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड भीलवाड़ा के डिविजनल मैनेजर को आदेश दिया कि वे, परिवादी को बीमा क्लेम की राशि 10 लाख रुपये दो माह में अदा करें।

प्रकरण के अनुसार, रैगर मोहल्ला, बड़लियास निवासी राजुलाल रैगर पुत्र कुका रैगर ने एक परिवाद युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड भीलवाड़ा के डिविजनल मैनेजर, सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड़ भीलवाड़ा व व्यवस्थापक ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड बड़लियास के खिलाफ पेश किया। परिवादी ने परिवाद में बताया कि उसकी पत्नी रुकमा रैगर ग्राम सेवा सहकारी समिति की सदस्या थी। जिन्होंने बीमा करवाया था। उसकी प्रीमियम उसके खाते से काटकर बीमा कंपनी को भिजवाई थी। जिसमें दुर्घटना घटित होने पर दस लाख रुपये की बीमित राशि पॉलिसी शर्तों के अनुसार देय थी। रुकमा रैगर का परिवादी राजूलाल रैगर नॉमिनी है। 26 जून 22 की रात को परिवादी व उसकी पत्नी रुकवा रैगर खेत पर काम करने के बाद सो गये। नींद खुली तो देखा कि रुकमा के पैर की अंगुलियों के बीच जहरीले जानवर के काटने के निशान थे। उसे तुरंत अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। रुकमा की मौत की सूचना विपक्षीगण को दी गई। इसके बाद क्लेम आवेदन के साथ दस्तावेज पेश किये। बीमा कंपनी ने रुकमा की मौत को स्वभाविक बताते हुये क्लेम आवेदन खारिज कर दिया। लोक अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड भीलवाड़ा के डिविजनल मैनेजर को आदेश दिया कि वे, परिवादी को बीमा क्लेम की राशि 10 लाख रुपये दो माह में अदा करें।  

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