अनोखी परम्परा: मांडल में गधों की पूजा देखने उमड़े लोग
मांडल (सोनिया)
मांडल कस्बे के प्रताप नगर चौक (कुम्हार मोहल्ले) में विगत कई वर्षों से वैशाखी नंदन की पूजा की परंपरा चली आ रही है। गोपाल कुम्हार ने बताया कि पहले जब किसानों की आजीविका में बैलों की अहम भूमिका थी उनकी पूजा दीपावली के दूसरे दिन ठीकरा ( अन्न कूट ) के दिन बड़े ही साज सजावट के साथ की जाती है उसी तरह कुम्हारों की आजीविका में सहयोगी गधों (वैशाख नंदन) की पूजा का परंपरागत तरीके से समाज के पंच पटेलों द्वारा कई वर्षों पहले लिया गया निर्णय था जिसे आज भी आधुनिक युग के संसाधनों की भरमार के बीच इस परंपरागत अनोखी पूजा का आयोजन किया जाता है , इस परंपरा को मनोरंजन के रूप में देखने के लिए जिले भर से दूर दराज के लोग आते हैं और इस अनोखी पूजा को देखकर आनंदित होते हैं वैसे ये पूजा जिले में सिर्फ मांडल में ही आयोजित होती है वर्तमान में आधुनिक संसाधनों के बढ़ते उपयोग के चलते अब गधों का उपयोग न के बराबर हो गया है लेकिन फिर भी परंपरागत संसाधन होने की वजह से आज भी पूजा की जाती है