फ्लोराईड पानी पीने को मजबूर गुरलांवासी

Update: 2024-11-25 08:06 GMT

गुरलाँ । भीलवाड़ा जिले की महत्वाकांक्षी चम्बल परियोजना का जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गुरलाँ मे पानी नहीं मिल रहा है जबकि यहाँ से पाईप लाइन निकल रही है पीएचईडी द्वारा गुरलाँ मुख्यालय पर, पंचायत द्वारा मजरे में पेयजल सप्लाई करती है। चम्बल परियोजना द्वारा गुरलाँ मे टंकी तक राईजिंग पाईप लाइन नहीं डालने के कारण गुरलाँ मे पानी नहीं मिल रहा है जबकि पुरानी लाइन है वह भी सिमेंट की जिसमें पानी कम दबाव से छोडते ज्यादा पानी छोडने पर यह लाईन फुट जाती है जो यह पानी पंचायत के द्वारा पेयजल गुरलाँ के मजरे में दे देतें है।  गुरलाँ मुख्यालय पर चम्बल परियोजना का पानी नहीं मिल रहा है कारण गुरलाँ मे 4-6 इंच की राइजिंग लाइन से टंकी को नहीं जोडने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।

करोड़ों रुपये की परियोजना का लाभ नहीं मिल रहा

भीलवाड़ा जिले की पेयजल की महत्वपूर्ण चम्बल परियोजना का जिला मुख्यालय से मात्र 18 किमी दूर हाइवे पर स्थित गुरलाँ ग्राम पंचायत मुख्यालय चम्बल परियोजना के पानी के लिए तरसा जबकि स्थानिय जलस्रोत के पानी में फ्लोराइड की मात्रा बहुत है।

डिस्ट्रीब्यूटशन लाईन में लिकेंज एवं गन्दगी से बीमारी की संभावना

गाँव की डिस्ट्रीब्यूटशन लाईन के हालात भी खराब है जगह जगह लिकेंज होने के कारण नालियों का पानी वापसी पाईप में चला जाता है साथ ही वाल्व की कुड़ीयो में भी लिकेंज एवं गन्दगी देखीं जा सकतीं है बस स्टैंड स्थित वाल्व के पास लोगों द्वारा यूरिन कर गन्दगी फैल रही है जिससे बिमारियों होने की संभावना है

फ्लोराइड (अशुद्ध) पेयजल की सप्लाई, मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

जिस कारण से गुरलाँ बस स्टैंड स्थित कुआँ से 1000 - 1100 टीडीएस फ्लोराइड युक्त पानी सप्लाई कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है जहाँ सरकार करोड़ों रूपये पेयजल पर खर्च करने के बावजूद गुरलाँ मुख्यालय पर शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है

नई राईजिंग पाईप डालने की मांग, अमृत-2 योजना में टंकी निर्माण की मांग

जबकि जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से गुरलाँ वासियों ने चम्बल परियोजना का पानी एवं तालाब के उस किनारे पर सरकारी कुआँ से गुरलाँ मे स्थित पानी की टंकी तक नई राइजिंग लाइन डाल कर फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की पुरानी टंकी की जगह केन्द्र सरकार की अमृत 2 योजना के तहत पानी की टंकी बनाएं।

अधिकारी व राजनेता जानकर भी अनजान

इस समस्या पर नहीं तो जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान जा रहा है इस सम्बन्ध में कई बार मुख्यमंत्री हेल्प लाइन 181 पर शिकायत करने व स्थानिक विधायक द्वारा लगाएं गए समस्या समाधान शिविर में प्रार्थना पत्र दिया गया और आमजनता द्वारा मौखिक कहने पर भी हमें चम्बल परियोजना का गुरलाँ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर चम्बल परियोजना का पानी नहीं मिल रहा है।

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