पद्म श्री जानकी लाल भांड ने दी बहुरूपिया प्रस्तुति

By :  vijay
Update: 2025-01-12 17:22 GMT

 भीलवाड़ा |   रसधारा सांस्कृतिक संस्थान भीलवाड़ा द्वारा डॉ. अर्जुन देव चरण के सम्मान में आयोजित भीलवाड़ा नाट्य महोत्सव के चौथे दिन तीन प्रस्तुतियां हुई। शाम 7 बजे नगर निगम टाउन हॉल में रंग मस्ताने जयपुर की टीम द्वारा डॉ. अर्जुन देव चारण लिखित व अभिषेक मुद्गल निर्देशित नाटक बलिदान का मंचन हुआ। नाटक में बताया गया कि किस प्रकार राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहठ ने देश की आजादी के लिए अपने परिवार को भी बलिदान करने में संकोच नहीं किया। नाटक में केसरी सिंह, उनकी धर्मपत्नी, जवाई ईश्वरदान, बेटे प्रताप सिंह, जोरावर सिंह, ब्रिटिश सैनिक जैसे चरित्रों के माध्यम से आजादी के संग्राम की गाथा को दर्शाया गया। इस नाटक में केसरी सिंह जी की कविता चेतावनी रा चुंगट्या का प्रभाव भी दिखाई पड़ता है। दर्शकों से खचाखच भरे सभागार मे इस देशभक्ति नाटक को खूब सराहा एवं तालियों से टाउन हाल गूंज उठा।

रसधारा ने कृतज्ञता व्यक्त करते हुए डॉ. अर्जुन देव चारण को शॉल, श्रीफल व अनुग्रह पत्र भेंट किया। मंच पर शहर विधायक अशोक कोठारी, लक्ष्मीनारायण डाड, पद्म श्री जानकी लाल भांड, फड़ चित्रकार कल्याण जोशी, आर एल दरगड़, केजी कदम, सत्यम शर्मा, दिलीप सोमानी, रसधारा के गोपाल आचार्य, रवि ओझा, अनुराग सिंह, दुष्यंत हरित व्यास, रणजीत सिंह आदि आदि उपस्थित थे।

वहीं सुबह 11:30 बजे रसधारा के साक्षात ऑडिटोरियम में अनंगारि थिएटर, बांसवाड़ा से नरेशपाल सिंह चौहान निर्देशित नाटक गांधारी का मंचन हुआ। जिसमें अरुंधिता कलिता ने गांधारी की भूमिका में एकाभिनय ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इस नाटक में गांधारी अपने अतीत और अपने जीवन की हर घटना के बारे में सोच रही है। उसने एक ही रात में गांधार से लेकर हस्तिनापुर तक की यात्रा याद कर ली।

शाम 4 बजे रसधारा प्रागंण में पद्म  जानकी लाल भांड द्वारा बहुरूपिया प्रस्तुति दी गई। उन्होंने एक गाड़िया लुहार महिला का रूप धारण कर अपनी प्रस्तुति दी व दर्शकों को खूब हंसाया।

रंग संवाद सत्र में सभी रंगकर्मियों ने कला एवं उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने अपने विचार रखें।

रसधारा के सचिव रवि ओझा ने बताया कि आज शाम 7 बजे टाउन हॉल में क्रिटिकल प्रोडक्शन जयपुर के युवा रंगकर्मी देशराज गुर्जर द्वारा लिखित व निर्देशित राजस्थानी नाटक गोरधन के जूते का मंचन किया जाएगा। रसधारा संस्थान में रंग संवाद सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रंगकर्मियों द्वारा रंगमंच से संबंधित पहलुओं पर विषय विमर्श होगा।

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