भीलवाड़ा में टैरिफ पर गरमागरम बहस: उद्योगों ने उठाई आवाज
भीलवाड़ा। अजमेर विद्युत वितरण निगम (AVVNL) ने 2025-26 के लिए टैरिफ तय करने के लिए विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका दायर की है। 9 जून को इस पर रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई हुई, जिसमें मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MCCI) ने उद्योगों का पक्ष रखा।
MCCI के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि AVVNL इस साल टैरिफ संतुलन के नाम पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव रख रहा है, जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया। निगम का कहना है कि रिवाइज्ड टैरिफ पिटिशन में रेगुलेटरी सरचार्ज छोटे उपभोक्ताओं पर एक रुपये से घटाकर 75 पैसा किया गया है। लेकिन जैन का कहना है कि निगम पहले ही फ्यूल सरचार्ज वसूल कर रहा है और इसके लिए कानून भी है। तो फिर एक और नया सरचार्ज क्यों लगाया जाए? यह तो बस एक और टैक्स लगाने जैसा है!
इसके अलावा, नए एच.टी. उपभोक्ताओं को छूट की अवधि को पहले की तरह 5 साल तक ही रखने की मांग की गई। चैम्बर का कहना है कि नए उद्योग को जमने में 3 से 5 साल लगते हैं, इसलिए छूट को 5 साल के बाद मासिक इंक्रिमेंटल रिबेट के रूप में लागू किया जाना चाहिए।
औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रिपिंग की समस्या भी बहुत ज्यादा है। इसके समाधान के लिए निर्धारित प्रोटेक्शन उपकरण, अर्थिंग और लाइनों पर लगातार अर्थ वायर की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही, निगम को नियमित रूप से अर्थ रेजिस्टेंस मापना चाहिए और उसमें सुधार करना चाहिए।
जैन ने 'टी.ओ.डी.' टैरिफ में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक मिल रही छूट को घटाने का भी विरोध किया। उन्होंने मांग की कि उद्योगों को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अन्य राज्यों के समान 25 प्रतिशत छूट मिलनी चाहिए।
कुल मिलाकर, MCCI उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है कि उन पर कोई अनावश्यक बोझ न पड़े।