शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला: स्कूलों और हॉस्टलों में अब चलेगा ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान, निजी कंपनियों के उत्पादों पर रोक
भीलवाड़ा (हलचल)। केंद्र की ‘लोकल फॉर वोकल’ सोच को मजबूती देने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों, आवासीय विद्यालयों और हॉस्टलों में निजी कंपनियों के उत्पादों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
22 अगस्त 2025 को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर से जारी आदेश में साफ कहा गया है कि आगे से केवल सरकारी एजेंसियों से तैयार वस्तुएं ही खरीदी जाएंगी। सभी संयुक्त निदेशक, सीडीईओ और एडीपीसी को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब इन एजेंसियों से होगी खरीदारी
सरस डेयरी : दूध, दही, घी, पनीर, मिठाइयां
राजीविका : पापड़, आचार, मसाले, हर्बल उत्पाद, वस्त्र, हैंडक्राफ्ट
राजफेड : खाद्य अनाज, दालें, खाद-बीज, उपभोक्ता वस्तुएं
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड : खादी वस्त्र, ऊनी कपड़े, हर्बल साबुन, अगरबत्ती
हैंडलूम विकास निगम : कालीन, दरियां, बैग, राजस्थानी परिधान
राजस्थान उपभोक्ता सहकारी संघ : स्टेशनरी, राशन, दैनिक उपयोग की वस्तुएं
कृषि विपणन समितियां : मसाले, सरसों तेल, दालें और अनाज
अब तक 90% उत्पाद निजी कंपनियों से खरीदे जाते थे, लेकिन अब स्कूलों और हॉस्टलों में होने वाले आयोजनों से लेकर दैनिक उपयोग तक हर जगह सरकारी एजेंसियों के उत्पाद ही दिखेंगे।
यह फैसला स्थानीय उद्योगों और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
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