किसानी सुधार कर किसानों की दशा सुधारें - डॉ. कनार्टक

Update: 2025-09-03 11:55 GMT

 भीलवाड़ा BHNकृषि विज्ञान केन्द्र  पर वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के  कुलगुरू डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा  कि कृषि वैज्ञानिक किसानों की दशा सुधारने के लिए किसानी सुधारें।  कुलगुरू ने बताया कि किसान भाई नई सब्जियों जैसे ब्रोकली, लेटूयूस, बेबीकॉर्न, जुकिनी आदि की खेती कर आमदनी में इजाफा करें। डॉ. कर्नाटक ने बताया कि देखकर सीखे एवं करके सीखे के सिद्धान्त को अपनाकर किसान भाई खेती में नवाचार अपनाए। श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए सांवा, रागी, कोदो, बाजरा की खेती कर श्रीअन्न को दैनिक आहार में शामिल करने पर बल दिया। डॉ. जे.पी. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप, कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जोधपुर ने किसानों की दशा एवं दिशा सुधारने की आवश्यकता पर जोर देकर वैज्ञानिक तरीके से खेती करने का सुझाव दिया साथ ही प्रगतिशील कृषकों के यहाँ प्रदर्शन लगाकर कृषि तकनीकी के हस्तान्तरण की आवश्यकता जताई। डॉ. मिश्रा ने मक्का के उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। डॉ. आर. एल. सोनी, निदेशक प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर ने केन्द्र की गतिविधियों की सराहना करते हुए बताया कि प्रदर्शनों के माध्यम से दिये जाने वाले बीज को बीज उत्पादन द्वारा आगामी सीजन में काम लेने हेतु किसानों को प्रेरित करे साथ ही केन्द्र द्वारा प्रकाशित होने वाली सफलता की कहानियों का संकलन करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। डॉ. सोनी ने कम्युनिटी रेडियो स्टेशन से किसानों को जोड़ने पर भी बल दिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया एवं आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत की। अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार इन्द्र सिंह संचेती ने कृषक उत्पादक संगठन एवं किसान घर के निर्माण की आवश्यकता जताई। संयुक्त निदेशक कृषि विनोद जैन ने कृषि की नवीनतम तकनीकीयों से किसानों को अवगत करवाने की आवश्यकता जताई। डॉ. शंकर सिंह राठौड़, उपनिदेशक उद्यान ने उडद, मूँग, मक्का, चना एवं सरसों के गुणवत्ता युक्त बीज किसानों को उचित दर पर उपलब्ध करवाने पर बल दिया। डॉ. अरूण कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक पशुपालन ने किसानों की आमदनी बढ़ाने हेतु मुर्गीपालन के अधिक से अधिक प्रदर्शन देने की बात कही। डॉ. के.डी. आमेटा, प्रोफेसर एवं हेड, उद्यान विभाग राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर ने फूलों की खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता जताई। डॉ. एस.एस. मीणा, प्रोफेसर तकनीकी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर ने किसानों को कृषि यन्त्रिकरण के प्रशिक्षण आयोजित कर कृषि यन्त्रों के उपयोग की जानकारी देने का सुझाव दिया। बैठक के दौरान केन्द्र द्वारा एग्रानॉमी क्लाईमेट रेजीलेन्ट क्रॉप ग्रॉइंग डेवाइस से सम्बन्धित किए गए पेटेन्ट का भी विमोचन किया गया साथ ही 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेताओं हेतु संचालित पाठ्यक्रम प्रशिक्षण के संभागियों को भी माननीय कुलगुरू द्वारा संबोधित किया गया। बैठक में राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबन्ध अकादमी, राजेन्द्रनगर हैदराबाद से जिले में प्रशिक्षण हेतु आये वैज्ञानिक डॉ. सुष्मिता सैनी, डॉ. स्मृति रंजन, डॉ. करूणा प्रकाश बांबोडे, डॉ. प्रताप एम जी एवं डॉ. अरकादेब मुखोपाध्याय, उप परियोजना निदेशक आत्मा, मीना कुमारी बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एल.के.छाता, कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा के अघिष्ठाता डॉ. एल.एल. पंवार, डॉ. के.एल. जीनगर, डॉ. एस.डी. धाकड़, डॉ. के.सी.नागर, प्रोफेसर शस्य विज्ञान, महेन्द्र सिंह चुण्ड़ावत, तकनीकी सहायक अनिता यादव, इफको के क्षेत्रीय प्रबन्धक लाला राम चौधरी, सुवाणा पशु चिकित्सालय के डॉ. राजेन्द्र पारडे, एफपीओ के निदेशक महावीर शर्मा, प्रगतिशील कृषक देवेन्द्र त्रिपाठी, लाली देवी, नारायण लाल गाडरी, संजय बिश्नोई आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद डॉ. के. सी. नागर ने किया। 

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