बारिश ने छलनी की सडक़ें, पानी में बही गिट्टी और डामर

Update: 2025-09-14 07:00 GMT

भीलवाड़ा विजय गढ़वाल । इस वर्ष मानसून तय समय से पहले सक्रिय हो गया और जुलाई, अगस्त के साथ-साथ सितम्बर माह की शुरुआत तक लगातार बारिश का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में इस बार औसत से करीब 60 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इससे जहां फसलें लाभान्वित हुई हैं, वहीं शहर और जिले की आधारभूत संरचना को भारी नुकसान भी पहुंचा है।

भीलवाड़ा जिले में लगातार हो रही वर्षा से सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों को हुआ है। शहर की कोई भी मुख्य या आंतरिक सड़क ऐसी नहीं बची है जो पूरी तरह से सुरक्षित और गड्ढामुक्त हो। कई स्थानों पर तो सड़कें पूरी तरह धंस गई हैं और वाहन चालकों के लिए मार्ग खोजना भी कठिन हो गया है। शहरवासियों के अनुसार, सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि बाइक या स्कूटर पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है। बारिश के साथ-साथ तेज बहाव और जलभराव ने इन अस्थायी मरम्मत कार्यों को बहा दिया और गड्ढे पहले से और गहरे हो गए।

सड़कें ही नहीं, कई सरकारी इमारतें और भवन भी बारिश की मार से नहीं बच पाए। कुछ स्कूल भवनों की छतें टपकने लगी हैं तो कुछ जगहों पर दीवारों में दरारें आ गई हैं। ग्रामीण इलाकों में पंचायत भवन और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं भी प्रभावित हुई हैं।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जब तक बारिश पूरी तरह नहीं रुकती, तब तक स्थायी मरम्मत कार्य संभव नहीं है। फिलहाल केवल आपात स्थितियों में ही अस्थायी मरम्मत की जा रही है ताकि यातायात पूरी तरह बाधित न हो। प्रमुख सड़कों पर बारिश थमने के बाद व्यापक मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने प्रशासन से अपील की है कि खराब सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जाए, क्योंकि इससे न केवल आमजन की  आवाजाही प्रभावित हो रही है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।

वर्तमान में भीलवाड़ा की सड़कें बारिश के कारण एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। यदि समय रहते इनकी मरम्मत नहीं की गई, तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन और विभागों के लिए यह एक चेतावनी भी है कि भविष्य में मानसून से पहले ही तैयारियां पुख्ता की जाएं ताकि जनता को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

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