भीलवाड़ा,। भीलवाड़ा जिले में पंचायत समिति शाहपुरा के ग्राम विकास अधिकारी शंकरलाल मीना (45) की आत्महत्या के बाद पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है। अधिकारी ने 10 नवंबर की शाम अपने निवास पर आत्महत्या कर ली।
परिजनों एवं ग्राम विकास अधिकारी संगठन का आरोप है कि मृतक पर ग्राम पंचायत गिरड़िया में अनाधिकृत व्यक्तियों व कुछ विभागीय अधिकारियों द्वारा अनुचित कार्य करवाने का दबाव डाला जा रहा था। संगठन का कहना है कि इस संबंध में कई बार मौखिक और लिखित शिकायतें भी की गईं, लेकिन किसी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई।
संगठन ने सौंपा ज्ञापन, पांच मुख्य मांगें रखीं
घटना के बाद ग्राम विकास अधिकारी संघ ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। संगठन ने कहा कि प्रशासनिक दबाव एवं मानसिक उत्पीड़न के चलते अधिकारी तनावग्रस्त थे, जिसके कारण उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया।
संघ ने ये मांगें रखीं
1. आत्महत्या की घटना की उच्च स्तरीय व निष्पक्ष जांच।
2. यदि किसी अधिकारी/व्यक्ति द्वारा दबाव डाले जाने की पुष्टि होती है तो कठोर कार्रवाई।
3. मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता व सेवा लाभ शीघ्र प्रदान किए जाएं।
4. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और सुरक्षा तंत्र बनाए जाएं।
5. वर्तमान में लगे स्थानांतरण प्रतिबंध के बावजूद हो रहे नियम-विरुद्ध स्थानांतरण पर रोक लगाई जाए।
प्रशासन ने कहा—जांच जारी
जिला प्रशासन की ओर से प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस भी आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए परिजनों, सहयोगियों और संबंधित अधिकारियों के बयान दर्ज कर रही है।
समुदाय में शोक, सिस्टम पर सवाल
शंकरलाल मीना अपनी ईमानदार कार्यशैली के लिए जाने जाते थे। उनकी अचानक मृत्यु से सहकर्मी व ग्रामीण बेहद दुखी हैं। कई कर्मचारी संगठनों ने कहा कि यदि प्रशासनिक दबाव व अनियमितताएं समय पर रोकी जातीं, तो शायद यह घटना टाली जा सकती थी।
