अवैध रूप से पेड़ काटने व अवैध कोयला कारोबार पर जिला प्रशासन सख्त: 10 अधिकारियों व कार्मिकों के विरुद्ध 16 सीसीए की कार्रवाई, 4 को किया निलंबित

Update: 2025-11-27 10:13 GMT

भीलवाड़ा। जिले में राजकीय भूमि और जंगलों पर अवैध रूप से पेड़ काटने के मामलों में जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। जिला कलेक्टर श्री जसमीत सिंह संधू ने तीन अलग-अलग प्रकरणों में कुल 10 कार्मिकों के विरुद्ध राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 16 (सीसीए ) के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। इनमें से 4 कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

जिला कलेक्टर ने ' बनेड़ा क्षेत्र में बिना नीलामी हजारों पेड़ काटे व सबूत मिटाने के लिए ट्रैक्टर को गायब करने' संबंधी मामला सामने आने पर विभागीय जांच करवाई । जांच में दोषी पाए जाने पर भू अभिलेख निरीक्षक देवकरण टॉक व पटवारी (हल्का बामणिया) भगवत लाल जाट को निलंबित किया गया साथ ही 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई भी जारी है एवं तहसीलदार बनेड़ा श्री संतोष कुमार सुनारीवाल के विरुद्ध भी 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

जिला कलेक्टर को ' आसींद क्षेत्र के नारायणपुरा गांव के 200 बीघा जंगल में अवैध रूप से पेड़ कटवाने व अवैध तरीके से कोयला माफिया से मिलीभगत कर कोयला बनाकर बाहर भेजने' संबंधी प्रकरण सामने आया जिस पर जिला कलेक्टर द्वारा जांच करवाई गई ।

जिला कलेक्टर ने भू अभिलेख निरीक्षक नरेश नाथ योगी व पटवारी दूल्हेपुरा गारंती बाई मीणा को निलंबित किया साथ ही 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई भी जारी है एवं तहसीलदार आसींद श्री जयसिंह के विरुद्ध भी 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

जिला कलेक्टर को 'जहाजपुर क्षेत्र में 300 बीघा बिलानाम भूमि पर बबूल के पेड़ काटने व अवैध कोयला कारोबार' से संबंधित मामला सामने आया जिसमें विभागीय जांच करवाई गई। जांच में दोषी पाये जाने पर तहसीलदार जहाजपुर रवि कुमार मीणा, नायब तहसीलदार खजूरी बद्रीलाल मीणा, भू अभिलेख निरीक्षक अशोक कुमार धाकड़ व पटवारी हल्का किशनगढ़ अंकित कुमार गुप्ता के विरुद्ध 16 सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

जिला कलेक्टर ने कहा कि राजकीय संपत्ति और प्राकृतिक संसाधनों के साथ किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संरक्षण व राजस्व भूमि सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और भविष्य में भी इस तरह की घटनाओं पर तत्काल सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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