9 साल बाद आकोला पुलिया पर आई बनास नदी, ग्रामीणों ने चुनड़ी ओढ़ाकर किया स्वागत, पुलिया की सुरक्षा दिवार पानी में गिरी
सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ) क्षेत्र के आकोला कस्बे के निकट से गुजर रही मेवाड़ की गंगा कहे जाने वाली बनास नदी 9 साल बाद आज सुबह पुलिया पर आ गई, जिससे देखने के लिए आसपास के दर्जनों गांवों से ग्रामीण बनास नदी के किनारे पहुंचे, आकोला गांव के ग्रामीणों द्वारा मेवाड़ की गंगा बनास नदी का चुनरी ओढ़कर स्वागत किया गया ।
प्रशासक शिवलाल जाट ने बताया कि क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश व मातृकुंडिया बांध से छोड़े गए पानी के चलते आज सोमवार सुबह मेवाड़ के गंगा कहे जाने वाली बनास नदी उफान पर आ गए, नदी के उफान को देखने के लिए आकोला सहित सवाईपुर, ढ़ेलाणा, खजीना, होलिरड़ा, बड़लियास, चांदगढ़, अडसीपुरा, भाकलिया, जीवा का खेड़ा आदि कई गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण नदी को देखने के लिए पुलिया पर पहुंचे । आकोला पुलिया पर 9 साल बाद पानी पुलिया पर आया, इससे पहले 2016 में पानी पुलिया पर आया था, पुलिया पर सुबह 10 बजे तक करीब पौन फिट पानी चल रहा था, आकोला गांव के ग्रामीणों ने बनास नदी की पूजा कर चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया । पानी के तेज बहाव के चलते पुलिया की सुरक्षा दीवार का कुछ हिस्सा टूटकर पानी में गिर गया, इसके चलते बड़लियास थाना व सवाईपुर चौकी पुलिस ने पुलिया लोगों के साथ ही आवागमन को बंद कर दिया ।
वही सोलंकिया का खेड़ा व महेशपुरा पुलिया पर तीन दिन से उफान पर चल रही, जिससे कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया, पुलिस ने मिट्टी डालकर आवागमन को बंद कर दिया । दुसरी ओर सवाईपुर कोटड़ी मार्ग पर कोठारी नदी भी पुलिया पर चल रही, पुलिया पर करीब डेढ़ फीट पानी चल रहा है, जिसमें लोग जान को जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे हैं ।।