भीलवाड़ा । जिले में जल संकट की तस्वीर लगातार भयावह होती जा रही है। अत्यधिक भूजल दोहन के चलते जिले का एक भी ब्लॉक अब सुरक्षित नहीं बचा है। भूजल विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में भीलवाड़ा जिले के सभी ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में पहुंच चुके हैं और भूजल दोहन का स्तर करीब 150 प्रतिशत तक जा पहुंचा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि पूरा जिला डार्क जोन की स्थिति में आ गया है।
बढ़ते जल संकट और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए अब जिला परिषद ने बारिश के पानी को संरक्षित करने की दिशा में ठोस पहल करने का फैसला किया है। इसके तहत जिले में 100 वाटर रिचार्ज शाफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि मानसून के दौरान बहकर व्यर्थ चले जाने वाले पानी को सीधे भूगर्भ में पहुंचाया जा सके और आने वाले वर्षों के लिए जलस्तर को सहारा मिल सके।
जिला परिषद के अधिकारियों के अनुसार नाड़ी, तालाब और अन्य जलाशयों में जमा बारिश का पानी करीब तीन फीट तक भाप बनकर उड़ जाता है। यदि यही पानी जमीन के भीतर पहुंचा दिया जाए, तो लंबे समय तक इसका लाभ लिया जा सकता है। इसी सोच के साथ जिले की सभी पंचायत समितियों में 11-11 रिचार्ज शाफ्ट लगाने की योजना बनाई गई है, हालांकि कुल संख्या 100 तय की गई है।
विशेष रूप से डिजाइन किए गए इन वाटर रिचार्ज शाफ्ट की क्षमता एक करोड़ लीटर तक पानी भूगर्भ में पहुंचाने की है। इनकी बनावट ऐसी होगी कि कचरा, मिट्टी और कंकर पहले ही छंट जाएंगे। जमीन की स्थिति के अनुसार शाफ्ट की गहराई 3 मीटर से 50 मीटर तक रखी जाएगी, जबकि कुछ स्थानों पर इन्हें बोरवेल की तरह करीब 300 फीट तक गहराई में उतारा जाएगा। ऊपर का घेरा लगभग डेढ़ मीटर चौड़ा होगा और आठ इंच के पाइप के जरिए पानी नीचे पहुंचेगा।
यह पूरी योजना जल जीवन मिशन के तहत केन्द्र सरकार से प्राप्त दो करोड़ रुपये की राशि से क्रियान्वित की जाएगी। एक रिचार्ज शाफ्ट पर औसतन करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च होंगे। उद्देश्य साफ है कि तालाबों और जलाशयों में आने वाला पानी बहने की बजाय जमीन में समा सके।
भूजल विभाग का मानना है कि हर साल बारिश के मौसम में लाखों लीटर पानी यूं ही नष्ट हो जाता है। यदि इसे वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाए, तो भूजल संकट को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जिला परिषद ने 100 रिचार्ज शाफ्ट लगाने की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली है, जिसे जिला कलक्टर की मंजूरी भी मिल चुकी है। अब मानसून से पहले सभी पंचायत समितियों से प्रस्ताव मंगवाकर काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
