केंद्र सरकार का दिवाली तोहफा: 22 सितंबर से काजू, बादाम, पनीर, घी सस्ते

Update: 2025-09-20 19:12 GMT


भीलवाड़ा : केंद्र सरकार ने नवरात्रि और दिवाली से पहले आम जनता को बड़ी राहत दी है। 22 सितंबर 2025 से नई जीएसटी दरें लागू हो रही हैं, जिसके तहत रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे दूध, दही, पनीर, घी, काजू, बादाम, पिस्ता, नमकीन, और घरेलू उपकरण सस्ते हो जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर 2025 को जीएसटी दरों में व्यापक कटौती और स्लैब में बदलाव की घोषणा की थी। इस सुधार से लगभग 400 वस्तुओं पर कर कम हुआ है, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।

नई जीएसटी दरें: क्या सस्ता, क्या महंगा?

नए जीएसटी सुधारों के तहत ज्यादातर वस्तुएं अब 5% और 18% कर स्लैब में आ गई हैं। कई जरूरी चीजों पर जीएसटी शून्य (0%) कर दिया गया है। खास तौर पर, जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर भी अब कोई कर नहीं लगेगा। खाने-पीने की वस्तुओं में निम्नलिखित बदलाव हुए हैं:

अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध: जीएसटी मुक्त।

मक्खन, पनीर, कंडेंस्ड मिल्क: 5% जीएसटी।

पैकेज्ड नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, कॉर्नफ्लेक्स, रेडी-टू-ईट स्नैक्स: 5% जीएसटी।

काजू, बादाम, पिस्ता और अन्य सूखे मेवे: जीएसटी 12% से घटकर 5%।

नवरात्रि में व्रत के लिए राहत

22 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रही है, और इस दौरान व्रत में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे दूध, दही, पनीर, घी, काजू, बादाम और पिस्ता सस्ते हो जाएंगे। खासकर सूखे मेवों पर जीएसटी 12% से घटकर 5% होने से इनकी कीमतों में कमी आएगी। यह उपभोक्ताओं, विशेष रूप से व्रत रखने वालों के लिए बड़ी राहत है। बाजार में इन वस्तुओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि सस्ते दाम त्योहारी खरीदारी को बढ़ावा देंगे।

अन्य वस्तुओं पर प्रभाव

खाने-पीने की चीजों के अलावा, शैंपू, साबुन, और कुछ घरेलू उपकरणों पर भी जीएसटी कम हुआ है। इससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के परिवारों को रोजमर्रा के खर्च में बचत होगी। सरकार का यह कदम महंगाई को नियंत्रित करने और उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आर्थिक प्रभाव और जनता की प्रतिक्रिया

यह जीएसटी कटौती न केवल उपभोक्ताओं बल्कि छोटे व्यापारियों और उत्पादकों को भी लाभ पहुंचाएगी। सस्ती वस्तुओं से बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है। भीलवाड़ा के स्थानीय व्यापारियों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन कुछ का कहना है कि कर कटौती का लाभ ग्राहकों तक पूरी तरह पहुंचाने के लिए सरकार को निगरानी बढ़ानी चाहिए।

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