आरटीई पुर्नःभरण में देरी, सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये से निजी स्कूल आर्थिक संकट में
भीलवाड़ा -स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशव्यापी ज्ञापन आंदोलन के तहत प्रदेश महासचिव रामेश्वर लाल धाकड़ व जिलाध्यक्ष अर्जुन देवलिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
देवलिया ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिए बनाया था, सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के चलते निजी स्कूलों के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी कर रही है। प्रतिवर्ष सरकार महंगाई को स्वयं के गजट में बदलाव करती है। निजी स्कूलों को दरकिनार करते हुए युनिट कोस्ट बढ़ाने के बजाय घटा दी जाती है, पिछले कई वर्षों से पुर्नःभरण की राशि का भुगतान नहीं हुआ है, नियमों में मनमाने बदलाव कर तुगलकी फरमान की तरह लागू किये जा रहे है। मान्यता सम्बन्धित दस्तावेज सत्यापन के जटिल प्रक्रिया प्रवेश प्रणाली में खामियां तथा सरकारी नियंत्रण की कठोरता के कारण निजी स्कूलों पर अतिरिक्त आर्थिक और प्रशासनिक बोझ बढ़ रहा है।
जिलाध्यक्ष अर्जुन देवलिया ने बताया कि सरकारी स्कूलों को फंड और अन्य सुविधाएं समय पर दी जा रही है पर निजी स्कूलों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
प्रदेश महासचिव रामेश्वर लाल धाकड़ ने कहा कि सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के तहत आरटीई में फर्जी दाखिले, देर से भुगतान, अभिभावकों की मनमानी और सरकारी नियमों की पेचीदगियों के चलते सरकार अगर जल्द समाधान कर पूर्व का बकाया भुगतान नहीं करती है तो जिला ही नहीं अपितु सम्पूर्ण राजस्थान लेवल पर आनेवाले सत्र 2025-26 के लिए आरटीई प्रवेश हेतु निजी स्कूलों को बहिष्कार जैसे कदम उठाने पड़ेगें, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सम्बन्धित विभाग की होगी।
ज्ञापन देने वालों में महेन्द्र शर्मा, दिनेश छीपा, भॅवर कुमावत, सत्यनारायण शर्मा, शंकर जाट, निर्मल जैन, दिनेश शर्मा, महेन्द्र सिंह, मधु गारू, विजेश पहाड़िया, लक्ष्मीधर शर्मा, सुनिल, सुरेश शर्मा, सुशीला शर्मा सहित कई संचालक उपस्थित थे।