वैचारिक वार्ता में जोर: महिलाओं को मध्यस्थता में शामिल कर समाज को सशक्त बनाएं

Update: 2025-09-04 17:53 GMT

 भीलवाड़ा सगाई सरपण , पारिवारिक व सामाजिक विवाद, ‌बिखरते परिवार, टूटता दाम्पत्य जीवन, माहेश्वरी समाज की ही नहीं बल्कि अधिकांश उच्च वर्ण समाजों की वर्तमान प्रमुख समस्याओं में से एक है ! इस तरह की समस्याओं के प्रैक्टिकल एवं धरातलीय समाधानों पर विचार विमर्श हेतु अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत की भीलवाड़ा जिला शाखा द्वारा भीलवाड़ा में आनन्द धाम हवेली मन्दिर में वैचारिक वार्ता " परिवार बचाओ अभियान - चर्चा चाय पर - महिला सशक्तिकरण हेतु एक प्रयास " का‌ आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के राष्ट्रीय महासचिव अनिता डॉ अशोक सोडाणी एवं क्लब के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुमन सुरेश सोनी की अध्यक्षता एवं जिलाध्यक्ष डॉ चेतना सुनील जागेटिया तथा जिला धर्म प्रचार प्रसार सचिव सुमन राजेन्द्र बाहेती के मुख्य आतिथ्य में आयोजित की गई !

इस चर्चा का उद्देश्य था - आमजन की बातों को , उनकी राय को समाज के प्रमुख संगठनों एवं उनके पदाधिकारियों की निगाह में लाना ताकि वे अपने नीति निर्धारण में सामान्य माहेश्वरीजन की राय को आवश्यकतानुसार स्थान दें सकें !

चर्चा में इस विषय पर भी विचार विमर्श किया गया कि पूर्व में हमारे माहेश्वरी समाज में प्रत्यैक गांव शहर में पंच होते थे ,जो सगाई सरपण , पारिवारिक व सामाजिक विवाद, सामाजिक व्यवस्थाओं में सक्रिय रूप से जिम्मेदारी निभाते थे लेकिन समय के साथ अब पंच और तड़ें खत्म सी हो गई है ..और तभी से माहेश्वरी समाज के अस्तित्व को भी खतरा पहुंचना प्रारम्भ हो गया है !

क्या व्यापक रूप से समाज के हित में कुछ संशोधनों के साथ वह पंच व्यवस्था वापस प्रारम्भ होनी चाहिए ? विशेष रूप से - महिलाओं को भी पंच के रूप में शामिल करते हुए यह व्यवस्था पुनः लागू की जाये जो कि माहेश्वरी समाज के परिवार बचाओ अभियान एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में हेतु एक सार्थक प्रयास होगा !

चर्चा में यह प्रस्ताव भी प्रमुख रूप से उभर कर सामने आया कि समाज को सशक्त बनाना है तो पुरानी पंच परिपाटी वापस लानी होगी ! उसमें प्रत्यैक उम्र वर्ग की महिलाओं को भी यदि मध्यस्थता के लिए चुना गया तो संमाज बहुत जल्दी सुदृढ, सशक्त बनेगा क्यों कि महिलाओं को अपने तीज त्यौहार और संस्कृति , उद्यापन सभी का ज्ञान होने से वह आज की युवा पीढ़ी को समझाने मैं सक्षम रहेगी। तथा दाम्पत्य जीवन एवं पारिवारिक समस्याओं में भी एक महिला अपने मन की बात को मध्यस्थ महिला पंच को आसानी से बता सकती है जो वो पुरुष पंच को नही बता सकती है।

वैचारिक वार्ता में विशिष्ठ अतिथि के रूप में क्लब के निम्न जिला पदाधिकारियों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए - राखी प्रमोद राठी, एडवोकेट नीलम दरगड़, इन्दिरा डॉ भागचंद सोमानी, सुनीता मनीष पलोड़, चेतना पुरूषोत्तम बसेर, सुचिता दिलीप कोगटा, रामचन्द्र मून्दड़ा एवं अन्य !

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