मांडल तालाब में अवैध खनन: मिट्टी के साथ निकाली जा रही अभ्रक

भीलवाड़ा। मांडल कस्बे में स्थित प्रदेश के ए श्रेणी का सबसे बड़ा तालाब, मांडल तालाब, इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन अच्छे कारणों से नहीं। खबर है कि इस तालाब में मिट्टी के साथ-साथ अभ्रक का भी अवैध खनन हो रहा है।
प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तालाब से अभ्रक निकालने के उपकरण जब्त किए हैं। इसके अलावा, अवैध मिट्टी से भरी दो ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी जब्त कर मांडल थाना पुलिस को सौंप दिया गया है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन की कार्रवाई से पहले ही सूचना मिलने पर तालाब में मिट्टी खोदने में लगी जेसीबी को हटा दिया गया था। उपखंड अधिकारी सीएल शर्मा ने इसे गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार सुमन गुर्जर को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
तहसीलदार सुमन गुर्जर के नेतृत्व में गठित दल ने गुरुवार सुबह भीलवाड़ा मार्ग पर मांडल तालाब से अवैध मिट्टी ले जाते दो ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर पुलिस को सौंपा। अलसुबह कीरखेड़ा मार्ग पर ट्रैक्टर तेज गति से दौड़ रहे थे। प्रशासन की कार्रवाई को देख सब गायब हो गए।
नायब तहसीलदार लक्ष्मीलाल शर्मा, गिरदावर दुर्गेश तेली और पटवारी प्रमोद कुमार ने तालाब के पेटा क्षेत्र में हो रहे अवैध मिट्टी दोहन का मौका निरीक्षण किया। मौके पर कोई भी वाहन नहीं मिला, लेकिन मिट्टी खनन के ताजा निशान मिले हैं।
दल को पेटा कास्त क्षेत्र में कई गड्ढे में अभ्रक का खनन भी मिला। प्रशासन के वाहन को देखकर वहां काम कर रहे श्रमिक अपने औजार छोड़कर भाग निकले। दल ने मौके से गेती, तगारी, पावडा, सरिए और हथोड़े जब्त किए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि प्रशासन की टीम के निकलने के कुछ समय बाद ही वहां फिर से खनन शुरू हो गया था। यह दर्शाता है कि अवैध खनन करने वाले लोग कितने बेखौफ हैं।
यह घटना मांडल तालाब के संरक्षण को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह तालाब न केवल मांडल कस्बे के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है। अगर इस तालाब का अवैध खनन जारी रहा, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।