औद्योगिक उपयोग हेतु भू-उपयोग परिवर्तन हेतु जिला स्तर पर देने का आग्रह
भीलवाडा । मेवाड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री एवं उद्योग मंत्री को प्रतिवेदन भेजकर राजस्थान के औद्योगिक विकास एवं राइजिंग राजस्थान समिट में हस्ताक्षरित किये गये एमओयू के मूर्त रुप के लिए पूर्व में स्थापित औद्योगिक इकाईयों के विस्तारीकरण हेतु नये आवेदित कृषि भूमि से औद्योगिक भूमि में रुपान्तरण में मात्र नये आवेदित भूमि को ही मान्य किया जाकर तद्नुसार जिला पर निस्तारण हेतु दिये गये 2 लाख वर्ग मीटर तक के अधिकार, एवं औद्योगिक भूमि पर उत्पाद परिवर्तन के हेतु जिला स्तर पर अधिकार देने का आग्रह किया।
मेवाड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि वर्ष 2021 में रेवेन्यू (ग्रुप 6) विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन संख्या एफ.6 (26) रेवेन्यू.6/2014/50 दिनांक 29.06.2021 से जिला स्तर पर कृषि भूमि को औद्योगिक उपयोग हेतु भू-उपयोग परिवर्तन हेतु जिला कलक्टर के अधिकार 2 लाख वर्ग मीटर तक से घटाकर 50 हजार वर्ग मीटर कर दिए गये थे। मेवाड चेम्बर के प्रतिवेदन पर पुनः राज्य के 2023-24 के बजट में यह अधिकार पुनः बढाकर 2 लाख वर्ग मीटर तक किये गये थे। लेकिन पूर्व स्थापित उद्योगों की ओर से विस्तारीकरण हेतु आवेदित परिवर्तन में पूर्व में औद्योगिक रुपान्तरित भूमि को भी जोडा जा रहा है। इससे औद्योगिक इकाईयों के अधिकतर आवेदन 2 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा होने से रुपान्तरण प्रकरण राज्य स्तर पर प्रेषित किये जा रहे है। कई औद्योगिक इकाइयों के विस्तारीकरण के ऐसे आवेदन पिछले दो वर्ष से अधिक समय से राज्य स्तर पर लंबित है। भू-उपयोग परिवर्तन में देरी से विस्तारीकरण में देरी हो रही है।
इसी तरह औद्योगिक भूमि पर उत्पाद परिवर्तन के अधिकार राज्य स्तर पर है, जबकि रीको औद्योगिक क्षेत्रों के लिए उत्पाद परिवर्तन के अधिकार क्षेत्रीय प्रबंधक के स्तर पर प्रदान है। तदनुसार उत्पाद परिवर्तन के अधिकार भी राज्य स्तर के बजाय जिला स्तर पर प्रदान किये जाना आवश्यक है।