रक्षाबंधन पर घर जाने की होड़:: भीलवाड़ा बस स्टैंड पर भीड़, निशुल्क यात्रा फेल, बस नहीं मिल रहे धक्के

भीलवाड़ा हलचल।
रक्षाबंधन के अवसर पर शुक्रवार को भीलवाड़ा बस स्टैंड पर महिलाओ की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। घर जाने की जल्दी में यात्रियों ने बसों में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।सुबह से ही बस स्टैंड पर यात्रियों की लंबी कतारें देखी गईं। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी अपने घरों को समय पर पहुंचने की कोशिश में जुटे रहे। कुछ रूटों पर अतिरिक्त बसें लगाई गईं, फिर भी भीड़ काबू से बाहर नजर आई।
अधिकारियों के अनुसार, रक्षाबंधन के त्योहारी सीजन में हर साल यात्रियों की संख्या दोगुनी हो जाती है। कई यात्रियों ने आरोप लगाया कि बसें निर्धारित समय पर नहीं आईं, जिससे भीड़ और अधिक बढ़ गई।हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर आरएसी जवान और स्थानीय पुलिस तैनात की गई थी, लेकिन भीड़ के आगे व्यवस्था नाकाफी साबित हुई।लोगों ने मांग की है कि ऐसे विशेष अवसरों पर परिवहन व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए ताकि महिलाओं और बुजुर्गों को परेशानी न हो।
रक्षाबंधन पर बहनों की निशुल्क यात्रा फेल, बस नहीं मिल रहे धक्के
प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं को निशुल्क यात्रा करने की सौगात भले ही दी हो, लेकिन टोंक जिले में रोडवेज डिपो मैनेजर की मनमानी और अनदेखी इन बहनों पर जबरदस्त भारी पड़ रही है।
रोडवेज डिपो के चीफ मैनेजर की लापरवाही और अनदेखी के चलते जिला मुख्यालय के केंद्रीय बस स्टैंड पर बहनों को अपने भाई के घर जाने के लिए बस नहीं मिल पा रही, सुबह से ही टोंक बस स्टैंड पर ये बहने धक्के खा रही हैं। हद तो तब हो गई जब इन बहनों की सुनने वाले एक भी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी बस स्टैंड पर मौजूद नहीं है। भले ही यह बहनें अपने भाई के घर नहीं जा पा रही हों, लेकिन टोंक रोडवेज डिपो के तमाम अधिकारी-कर्मचारी अपनी बहनों के घर तक बड़ी आसानी से पहुंच गए हैं। कई कर्मचारियों ने तो आज एक दिन पहले अपनी बहनों से राखी तक बंधवा ली। लेकिन मजाल इस बात का है टोंक बस स्टैंड पर धक्के खा रही इन बहनों की कोई सुध लेने वाला नहीं है।
आपको बता दें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राखी के महा त्योहार को देखते हुए प्रदेश की बहनों को राजस्थान रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा की सौगात दी है लेकिन टोंक जिला मुख्यालय पर निःशुल्क को तो छोड़िए रुपए खर्च करने के बावजूद राजस्थान रोडवेज की बसें बहनों के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रही जिम्मेदार अधिकारियों के फोन तक स्विच ऑफ है रोडवेज के प्रभारी भी बस स्टैंड पर मौजूद तक नहीं है ऐसे में बड़ा सवाल यह है की इन जिम्मेदारों को आखिर किसकी सह मिल रही है और अगर यह अधिकारी लापरवाह है तो फिर आखिर इन्हें जिम्मेदारी क्यों दी गई है।