ग्राम पालसा को पुनः ग्राम पंचायत लूलास में रखने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा। राजस्व ग्राम पालसा के ग्रामीणों ने नव निर्मित पंचायत चलाणिया में किए गए सम्मिलन का विरोध जताते हुए ग्राम को पूर्ववत ग्राम पंचायत लूलास में रखने की मांग को लेकर जिला कलक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने कहा कि बिना आपत्ति एवं पक्ष सुने उनका ग्राम नई पंचायत में जोड़ दिया गया, जो कि पूर्णतः अनुचित है।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि राजस्व ग्राम पालसा शुरू से ही ग्राम पंचायत लूलास के अंतर्गत रहा है और यह पंचायत उनके गांव से मात्र 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। जबकि नव निर्मित पंचायत चलाणिया की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है, जहां तक पहुंचने के लिए भी ढीकोला होकर जाना पड़ता है, जिससे आवागमन में भारी कठिनाइयां आएंगी। सरल एवं सीधा मार्ग भी उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीणों ने यह भी अवगत कराया कि चलाणिया जाने हेतु बस या अन्य वाहन सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके अतिरिक्त वहां न अस्पताल की सुविधा है और न ही माध्यमिक विद्यालय की। इसके विपरीत ग्राम पंचायत ढीकोला में स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों की ही बेहतर व्यवस्था उपलब्ध है, जो ग्रामीणों के दैनिक जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। भौगोलिक और व्यवहारिक दृष्टि से भी ग्राम पंचायत ढीकोला ग्रामीणों के लिए अधिक उपयुक्त बताई गई।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पालसा को चलाणिया पंचायत में जोड़ने का निर्णय जनभावनाओं के विपरीत है, जिससे क्षेत्र में विरोध की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ग्रामीणों ने मांग की कि उनके राजस्व ग्राम को पूर्ववत ग्राम पंचायत लूलास में ही यथावत रखा जाए।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी आपत्तियों को गंभीरता से नहीं लिया गया और निर्णय में सुधार नहीं किया गया तो वे धरना, प्रदर्शन, आमरण अनशन तथा उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। साथ ही आगामी समय में मताधिकार का उपयोग न करने का भी ऐलान किया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी संभावित परिस्थितियों की जिम्मेदारी सरकार एवं प्रशासन की होगी।
