सच्चे मित्र मिलना दुर्लभ, जग में मित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा जैसी- संत महाराज

Update: 2025-12-27 15:01 GMT

 

भीलवाड़ा,  । वर्तमान में सच्चे मित्र मिलना दुर्लभ है, जग में मित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा जैसी। सुदामा के चरणों का कांटा भगवान ने अपने मुख से निकाला। वर्तमान युग में ऐसा कौन है जो मित्र के दुःख को बांटने के लिए अपने सुख छोड़ दे। संसार वाले तो मित्रता की आड़ में कांटे चुभाते है लेकिन कांटे निकालने का कार्य भगवान गोविन्द करता है। मित्र उसी को बनाना चाहिए जिसका मन पवित्र हो। दरिद्र वहीं है जिसके पास भगवान रूपी धन नहीं है। कृष्ण जैसा मित्र जिसके पास हो वह सुदामा कभी दरिद्र नहीं हो सकता। ये विचार शहर के रोडवेज बस स्टेण्ड के पास अग्रवाल उत्सव भवन में शनिवार को पोरवाल परिवार की ओर से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के अंतिम दिन व्यास पीठ से कथा वाचन करते हुए सोजत रामद्वारा के रामस्नेही संत   मुमुक्षु राम  महाराज ने कहीं। सातवें दिन श्री कृष्ण लीलाओं के साथ सुदामा चरित्र प्रसंग का वाचन किया गया। महाआरती के साथ कथा का विश्राम हुआ। कथा में अंतिम दिन हरिशेवाधाम भीलवाड़ा के महामण्डलेश्वर हंसारामजी महाराज एवं रामस्नेही संत डॉ. रामस्वरूप शास्त्री का भी सानिध्य प्राप्त हुआ एवं उन्होंने धर्म संदेश प्रदान करते हुए सभी को सेवा व धर्म आराधना के पथ पर चलने की प्रेरणा दी। संत श्री मुमुक्षु रामजी महाराज ने सुदाम चरित्र प्रसंग सुनाते हुए मित्रता की परिभाषा समझाते हुए कहा कि सच्चा मित्र वहीं है जो हर दुःख-सुख में साथ रहे। कथा में जब सजीव झांकियों के माध्यम से दरिद्र सुदामा के द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण से मिलने आने, भगवान के स्वयं उसे लेने द्वार पर जाने और भगवान कृष्ण द्वारा जल की बजाय आसूंओं से सुदामा के चरण धोने का प्रसंग साकार हुआ तो माहौल भावनापूर्ण हो गया और कृष्ण-सुदामा के जयकारे गूंज उठे। इस दौरान अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो दर पर सुदामा गरीब आ गया है, चावल की पोटली लेकर आए मोहन के द्वार जैसे भजनों ने भी माहौल भावमय कर दिया। व्यास पीठ से कथा आयोजक पोरवाल परिवार के प्रति भी मंगल भावनाएं व्यक्त की गई। पोरवाल परिवार की ओर से संत श्री मुमुक्षु रामजी महाराज का अभिनंदन किया गया। कथा के दौरान अतिथि पूर्व सांसद सुभाष बहेड़िया, समाजसेवी केजी तोषनीवाल, सत्यनारायण डाड,राजेन्द्र पोरवाल, अशोक चेचाणी, गुलाब सोमानी, गोपाल जागेटिया, रामपाल डाड, शिवलाल पोरवाल, रामेश्वर ईनाणी, राजेश बल्दवा, मनोहर डाड, अरविन्द अजमेरा, घनश्याम काकानी, महेश झंवर, निलेश कांठेड़,पवनकुमार जैन आदि ने व्यास पीठ पर विराजित संत श्री मुमुक्षु रामजी महाराज का आशीर्वाद लिया। कथा के अंत में व्यास पीठ की आरती करने वालों में अतिथियों के साथ आयोजक पोरवाल परिवार के सदस्य शामिल थे। अतिथियों का स्वागत पोरवाल परिवार के कंवरलाल पोरवाल आदि ने किया एवं आयोजन सफल बनाने के लिए सभी श्रद्धालुओं का आभार जताया। संचालन सुशील मरोटिया ने किया। महाआरती के साथ कथा का विश्राम हुआ। महाआरती में सैकड़ो श्रद्धालु शामिल हुए और पूरे भक्तिभाव से व्यास पीठ की आरती की।

*भजन संध्या में छाया श्याम भक्ति का रंग*

श्री भागवत कथा महोत्सव के उपलक्ष्य में छठे दिन शुक्रवार रात कथास्थल पर भजन संध्या श्री श्याम कीर्तन का आयोजन किया गया। कीर्तन में गायक अभिषेक माहेश्वरी ने श्याम भक्ति से ओतप्रोत भजनों व गीतों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी तो श्याम बाबा के जयकारे गूंजायमान हो उठे। भगवान गणपति की आराधना के साथ शुरू भजन संध्या में मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे राम आएंगे, कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है, गुरूदेव दया करके मुझको अपना लेना, राधिका गौरी से ब्रज की छोरी से मैया करा दो मेरा ब्याह, तू कितनी अच्छी है कितनी प्यारी है ओ मां जैसे एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी गई। भजनों के दौरान श्रद्धालु श्याम भक्ति में डूब कर झूमते रहे। भजन गायक अभिषेक माहेश्वरी का कथा आयोजक पोरवाल परिवार की ओर से स्वागत किया गया।

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