जालमपुरा में 35 बीघा वन भूमि से पेड़ों की अवैध कटाई पर ग्रामीणों में रोष, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

Update: 2025-08-11 08:19 GMT
  • whatsapp icon

भीलवाड़ा (प्रहलाद तेली)। हुरड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत जालमपुरा (तहसील अंटाली) में वन भूमि पर अवैध पेड़ कटाई और तस्करी के मामले को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला। इस मुद्दे को लेकर गांववासियों ने सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।

ग्रामीणों का आरोप है कि *हरियालो राजस्थान* योजना के तहत जिन 35 बीघा वन भूमि पर नए वृक्षारोपण की योजना बनाई गई थी, वहां पहले से ही नीम, ढाक, पलाश, खेर और देशी बबूल जैसे करीब 1000 पेड़ पिछले 25-30 वर्षों से हरे-भरे होकर पर्यावरण को संजीवनी दे रहे थे।

ग्रामीणों ने बताया कि 26 और 27 जुलाई की दरमियानी रात को करीब 20 जेसीबी मशीनें, पेड़ काटने की मशीनें और 50 से 60 मजदूरों की मदद से बिना किसी सरकारी आदेश या ग्रामीणों की जानकारी के, इन हरे-भरे पेड़ों को काटकर जड़ से उखाड़ दिया गया और कथित रूप से उनकी अवैध तस्करी कर दी गई। इसके बाद पूरी जमीन को समतल कर दिया गया।

ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में कहा कि एक ओर राजस्थान सरकार *"एक पेड़ माँ के नाम"* जैसा अनुकरणीय पर्यावरणीय अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर उनके गांव में वन संरक्षण नियमों को दरकिनार कर इस तरह का गंभीर अपराध किया गया है।

गांववासियों ने मांग की है कि इस मामले में शामिल सभी व्यक्तियों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाए तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

Similar News