देवडूंगरी चारागाह में अवैध खनन पर रोक की मांग, ग्रामीणों ने SDM को सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा। बिजौलिया उपखंड के तिलस्वां गांव स्थित देवडूंगरी चारागाह क्षेत्र में अवैध कटर बोरिंग और अनाधिकृत खनन गतिविधियों के खिलाफ ग्रामीणों ने शुक्रवार को उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने मांग की है कि इन गतिविधियों को तुरंत बंद करवाया जाए और देवडूंगरी क्षेत्र में आवंटित सभी माइनिंग ब्लॉकों को निरस्त किया जाए।
ग्रामीणों के अनुसार, देवडूंगरी क्षेत्र पिछले 100 से 200 वर्षों से पारंपरिक चारागाह के रूप में उपयोग में लिया जा रहा है। गांव के हजारों पशु प्रतिदिन यहां चरने आते हैं। चारागाह के मध्य स्थित प्राचीन देव मंदिर में ग्रामीण वर्षों से पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं, जिससे क्षेत्र का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी जुड़ा हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस भूमि की सुरक्षा, चारदीवारी निर्माण और देखरेख का कार्य वर्षो से गांव की ओर से किया गया है। इसके बावजूद माइनिंग विभाग द्वारा इस क्षेत्र को लीज आवंटन की प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया, जिसे ग्रामीणों ने उनकी उपेक्षा और स्थानीय हितों की अनदेखी बताया।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि माइनिंग ब्लॉक धारकों को न तो अभी तक लीज एग्रीमेंट की वैध अनुमति मिली है और न ही पर्यावरणीय स्वीकृति, इसके बावजूद कुछ ब्लॉक धारक चोरी-छिपे खनन कर रहे हैं। ज्ञापन में अवैध बोरिंग करने वालों की तुरंत गिरफ्तारी और सभी आवंटित माइनिंग ब्लॉकों को रद्द करने की मांग प्रमुख रूप से उठाई गई है।
इस ज्ञापन की प्रतिलिपि तहसीलदार, पुलिस थाना बिजौलिया, ग्राम पंचायत तिलस्वां और खनिज विभाग बिजौलिया को भी भेजी गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते अवैध गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
