शहर में 4 दर्जन से अधिक अवैध कच्ची शराब के ठिकाने
भीलवाड़ा/नरेश ओझा
आबकारी व स्थानीय पुलिस की सांठगांठ से गली-गली गांव-गांव में धड़ल्ले से अवैध कच्ची शराब बेची जा रही है। बिक रही अवैध कच्ची शराब समाज में कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह्न लगा रही है। खुलेआम हो रही अवैध शराब की बिक्री से जहाँ माहौल खराब हो रहा है, वहीं युवा पीढ़ी भी नशे की लत की आदी होती जा रही है। जिससे दर्जनों ऐसे परिवार है, जो उजड़ने की कगार पर हैं। ऐसा भी नहीं है कि अवैध शराब के कारोबार की जानकारी जिले के आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को न हो, किन्तु जानकारी के बाबजूद भी अवैध शराब की बिक्री पर लगाम न लगने से आबकारी और पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में खड़ी होती दिखाई दे रही है।
क्षेत्र के दर्जनों ऐसे गाँव है, जहाँ अवैध कच्ची शराब का काला कारोबार बे-रोकटोक जारी है। पानी की तलाश में भले ही भटकना पड़ता हो, पर मदिरा प्रेमियों में बिना मशक्कत किये ही शराब उपलब्ध हो जा रही है। अवैध रूप से शहर सहित गाँव-गाँव में संचालित हो रही अवैध शराब की दुकानों ने गाँवों का माहौल दूषित कर दिया है। क्षेत्र में शराब के कारण दिनों-दिन अपराधों में वृद्धि हो रही है। साथ ही आसानी से शराब उपलब्ध हो जाने से भोले-भाले ग्रामीण व युवा वर्ग शराब की लत में जकड़ता जा रहा है। सूत्रों की मानें तो ऐसी बहुत कम जगह होंगी, जहाँ अवैध रूप से कच्ची शराब की बिक्री नहीं हो रही हो। ऐसा भी नहीं कि आबकारी महकमा इस अवैध कारोबार से अंजान हो, बल्कि जानकारी होते हुए भी विभाग अवैध शराब के कारोबार को अनदेखा कर रहा है।
*शराब कारोबारियों के हौंसले बुलंद*
शराब पहुँचाने के लिये स्थानीय जिम्मेदारों से साँठ-गाँठ कर जीपों व बाईक से परिवहन किया जा रहा है। उसके बाबजूद भी प्रशासन अवैध शराब का व्यापार करने वालों से दूर है। इसी वजह से शराब कारोबारियों के हौंसले बुलंद है और धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार संचालित हो रहा है। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के मामले में सरकारी सिस्टम फेल साबित हो रहा है।
*कोठारी और कुवाडा खान मुख्य ठिकाने*
अगर हम बात करे शहरी इलाके की तो यहाँ शराब कारोबारी नियम और कानून को ताँक पर रखकर व्यापार को संचालित कर रहे है। ऐसा ही हाल कई गाँवों में किरानों की दुकानों पर भी अवैध शराब आसानी से उपलब्ध हो जायेगी। यही नहीं शहर की कोठारी नदी, कुवाडा खान पर खुले आम अवैध कच्ची शराब बनाने के लिये भट्टियाँ धधक रहीं हैं और क्षेत्र के कई स्थानों पर लोग खुलेआम शराब बेच रहे है, किन्तु उसके बाबजूद भी आबकारी विभाग और पुलिस द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे है।
*शहर में चार दर्जन से अधिक ठिकाने*
आबकारी व स्थानीय पुलिस की सांठगांठ से गली-गली गांव-गांव में धड़ल्ले से अवैध कच्ची शराब बेची जा रही है। अकेले शहर में ही कम से कम 4 दर्जन से अधिक कच्ची शराब के ठिकाने है। पूरे मामले को विभाग जानते हुए भी अनजान बना हुआ है। हालाकि शहर का ऐसा कोई ईलाका नही होगा जहाँ अवैध कच्ची शराब का कारोबार नही होता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध रूप से तिलक नगर, मारूती नगर, सुंदर नगर, बाबाधाम सहित अनगिनत जगह पर खुलेआम कच्ची शराब बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध कच्ची शराब व देसी शराब के विक्रेताओं से मासिक शुल्क वसूला जाता है।
*महिलाओं का आना-जाना मुश्किल*
आबकारी विभाग की शह पर खुलेआम अवैध शराब की बिक्री
की जा रही हैं। अवैध शराब विक्रेताओं द्वारा पुलिस और आबकारी विभाग की शह पर कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने से विक्रेताओं के हौसले बुलंद है। आसानी से शराब उपलब्ध हो जाने पर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। युवक कही से भी रूपए की व्यवस्था कर शराब पी रहे है। इसके चलते जुआ का भी क्षेत्र में जमकर खेल हो रहा है। शाम होने के बाद ज्यादातर युवा नशे में धुत रहते है। ऐसे में युवतियों और महिलाओं का आना-जाना मुश्किल हो रहा है। बीच मुख्य मार्ग में अवैध शराब की बिक्री होने के कारण सडक़ में चलने वाली महिला पुरूष व राहगीरों को बड़ी परेशानी हो रही हैं। अनेक बार शिकायतों के बाद भी पुलिस व आबकारी विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। इसके कारण यहां अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा है।