बारह साल बाद आया फैसला, पत्नी को खुदकुशी के लिए मजबूर करने वाले पति को 5 साल की कैद

By :  prem kumar
Update: 2024-05-04 12:03 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। पत्नी को खुदकुशी के लिए मजबूर करने के 12 साल पुराने एक मामले में टीटोड़ी निवासी पति सांवरलाल पुत्र रामप्रसाद वैष्णव को 5 साल की सजा और 5 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। फैसला, विशिष्ट न्यायाधीश (महिला उत्पीडऩ प्रकरण) ने शनिवार को सुनाया।

अदालत सूत्रों के अनुसार, कोठाज निवासी महावीर प्रसाद वैष्णव ने 20 अगस्त 2012 को पंडेर थाने में रिपोर्ट दी कि उसके छोटे भाई रामलाल की बेटी सुशीला की शादी 22 फरवरी 2002 को सांवरलाल वैष्णव के साथ हुई थी। उसके बाद सुशीला उसके ससुराल टिटोड़ी आती, जाती रही थी। सुशीला के दो बच्चे व एक बच्ची है। सुशीला को उसका पति सांवरमल, सास छोटी देवी आये दिन प्रताडि़त करते रहते थे। सुशीला पिछले 6-7 साल में करीब दस-पन्द्रह बार इन लोगों से परेशान होकर कोठाज आ गई थी। परिवादी का आरोप था कि सुशीला को ये लोग आज तक परेशान करते व मारपीट करते आये है । 18 अगस्त 12 को सुशीला को उसके पति ने मारपीट कर कुएं में डाली या इन लोगो की रात दिन की प्रताडऩा से परेशान होकर उसने खुद ही कुएं में गिरकर जान दे दी। इस रिपोर्ट पर पंडेर पुलिस ने खुदकुशी के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया। पुलिस ने तफ्तीश के बाद माना कि सांवरलाल वैष्णव अपनी पत्नी सुशीला को आये दिन परेशान कर झगड़ा करता था, जिससे परेशान होकर सुशीला ने आत्मत्हया कर ली। पुलिस ने सांवरलाल के खिलाफ अपराध धारा 306 के तहत न्यायालय में चार्जशीट पेश की। न्यायालय में सुनवाई के दौरान विशिष्ट लोक अभियोज संजू बापना ने 19 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाते हुये 12 दस्तावेज पेश कर सांवरलाल पर लगे आरोप सिद्ध करवाये। सुनवाई पूरी होने पर न्यायालय ने आरोपित सांवरलाल को 5 साल की सजा और 5 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। 

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