चांदी (सिल्वर) के दाम 2025 के अंत में रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच चुके हैं, और अब निवेशकों के मन में यह सवाल है कि क्या नए साल 2026 में चांदी का भाव भारतीय बाजार में 2.50 लाख रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर जाएगा या नहीं।
चांदी ने 2025 में जबरदस्त तेजी दिखाई है और भारतीय बाजार में यह पहले ही ₹2 लाख प्रति किलो के ऊपर ट्रेड कर रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह बुलिश रुझान 2026 में भी जारी रह सकता है, जिससे दाम 2.25 लाख से 2.50 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुँच सकते हैं।
विश्लेषकों के अनुसार मुख्य कारण हैं: वैश्विक सप्लाई की कमी, बढ़ती औद्योगिक मांग खासकर सोलर, इलेक्ट्रॉनिक और ग्रीन एनर्जी सेक्टर से, और सुरक्षित निवेश (सेफ हेवन) की ओर बढ़ता रुझान। यदि अमेरिकी और अन्य केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियाँ नरम रहती हैं, तो डॉलर की कमजोरी भी चांदी के पक्ष में काम कर सकती है।
कुछ ब्रोकरेज और रिसर्च रिपोर्टों ने 2026 के लिए ₹2.40 लाख तक का लक्ष्य भी सुझाया है, जबकि कुछ विश्लेषक 2.50 लाख के आस-पास के स्तर को संभावित लक्ष्य मानते हैं। हालांकि, वे यह भी चेतावनी देते हैं कि इतनी तेज़ी के बाद मुनाफा-वसूली और बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, जिससे अस्थिरता भी बनी रहेगी।
वैश्विक स्तर पर भी चांदी की कीमतें ऐतिहासिक ऊँचाइयों के करीब ट्रेड कर रही हैं, और निवेशकों में आशा है कि 2026 में यह रुझान बरकरार रहेगा।
तो निष्कर्ष: नए साल 2026 में चांदी का भाव 2.25 लाख से 2.50 लाख रुपये प्रति किलो के बीच पहुंच सकता है और बहुत से विश्लेषक इसे 2.50 लाख से ऊपर भी संभावित मान रहे हैं, मगर यह पूरी तरह सुनिश्चित नहीं है और बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम हमेशा बने रहेंगे।
