दूध, दही जैसे सामान नहीं सस्ते होंगे, सरकार ने कियासं सद में बड़ा ऐलान

Update: 2025-07-22 17:39 GMT

 दूध, दही और पनीर जैसे रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों पर 12% जीएसटी खत्म होने की खबरों पर सरकार ने संसद में पूर्ण विराम लगा दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल 12% टैक्स स्लैब को हटाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।. जिसके अंतर्गत दूध, दही, पनीर जैसे सामान आते हैं. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि जीएसटी काउंसिल की ओर से निर्धारित किया गया जीओएम 12 फीसदी का टैक्स स्लैब खत्म कर सकता है. जीओएम की ओर से आम सहमति बन चुकी है. लेकिन सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. साथ ही फाइनेंस मिनिस्ट्री के पास जीओएम की कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं आई है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर केंद्र सरकार की ओर संसद में क्या कहा गया है.

केंद्र सरकार ने दिया स्पष्टीकरण

केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में तत्काल कोई कटौती का प्रस्ताव नहीं है. जिसके बाद आम आदमी को किसी भी तरह की अल्पकालिक राहत मिलने की संभावना खत्म हो गई है. यह स्पष्टीकरण वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार, 21 जुलाई को लोकसभा में एक सत्र के दौरान दिया. जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रिसमूह अभी भी काम कर रहा है. इलाहाबाद निर्वाचन क्षेत्र से सांसद उज्ज्वल रमण सिंह द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में, चौधरी ने कहा कि जीएसटी दरों में कोई भी बदलाव जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर तय किया जाता है.

पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में कहा कि जीएसटी दरें जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर निर्धारित की जाती हैं, जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र के प्रतिनिधियों से बनी एक संवैधानिक संस्था है. उन्होंने आगे कहा कि 17 सितंबर, 2021 को हुई काउंसिल की 45वीं बैठक के दौरान जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार करने के लिए एक मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन किया गया था. हालांकि, जीओएम ने अभी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है. चूंकि रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है, इसलिए सरकार ने कहा कि अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि जीएसटी दरों में कितनी कमी की जा सकती है या यह कटौती कब से लागू होगी.

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