ट्रंप टैरिफ का तूफान: शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल, ये सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
मुंबई, : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ के फैसले ने भारतीय शेयर बाजार में हड़कंप मचा दिया है। गुरुवार को बाजार मामूली गिरावट के साथ खुला, लेकिन शुरुआती कारोबार में तेज बिकवाली ने निवेशकों को सकते में डाल दिया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 32 अंक की हल्की गिरावट के साथ 80,754 पर खुला, लेकिन कुछ ही घंटों में 671 अंक (0.82%) लुढ़ककर 80,115 पर पहुंच गया। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल 5 हरे निशान में रहे, जबकि 25 शेयर लाल निशान में डूब गए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 176 अंक (0.71%) की गिरावट के साथ 24,535 पर कारोबार करता दिखा।
आईटी सेक्टर पर सबसे भारी मार
शुरुआती कारोबार में सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में डूबे नजर आए, लेकिन आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.24% की भारी गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में बढ़ते व्यापार प्रतिबंधों और संभावित एच-1बी वीजा लागत में वृद्धि से भारतीय आईटी कंपनियां दबाव में हैं, क्योंकि ये कंपनियां अपनी आय का 50% से अधिक अमेरिका से कमाती हैं। इसके अलावा, निफ्टी रियल्टी में 1.23%, निफ्टी मेटल में 0.79%, और निफ्टी फार्मा में 0.88% की गिरावट देखी गई। निफ्टी एफएमसीजी (0.42%), निफ्टी मीडिया (0.71%), निफ्टी पीएसयू बैंक (0.76%), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.70%), निफ्टी हेल्थकेयर (0.82%), निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (0.36%), निफ्टी ऑयल एंड गैस (0.53%), और निफ्टी मिडस्मॉल आईटी एंड टेलीकॉम (1.12%) भी गिरावट के शिकार हुए।
निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल
ट्रंप के टैरिफ, जो भारत के 87 बिलियन डॉलर के निर्यात को प्रभावित कर रहे हैं, ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को हवा दी है। विशेष रूप से टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, और ऑटोमोबाइल जैसे निर्यात-निर्भर सेक्टरों पर भारी दबाव है। विश्लेषकों का कहना है कि ये टैरिफ भारत की जीडीपी वृद्धि को 0.2-0.4% तक प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, फार्मास्यूटिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर टैरिफ से बचे हुए हैं, जिसके कारण निफ्टी फार्मा इंडेक्स में कुछ उछाल देखा गया।निवेशकों में अनिश्चितता के चलते विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाली कर रहे हैं। अगस्त में अब तक 15,950 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है। भारतीय रुपये में भी 87.69 के स्तर पर कमजोरी देखी गई। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि निवेशक घरेलू मांग पर केंद्रित सेक्टरों जैसे सीमेंट, टेलीकॉम, और डिफेंस में निवेश पर ध्यान दें। इस अस्थिरता के बीच, बाजार में गिरावट को खरीदारी का अवसर मानने वाले निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।