भ्रष्टाचार किया था उजागर: पत्रकार की नृशंस हत्या, आरोपियों ने शव सेप्टिक टैंक में फेंका, आज बंद की घोषणा
बीजापुर। देश भर में नक्सल मामलों की पत्रकारिता के लिए चर्चित पत्रकार व प्रसिद्ध यूट्यूबर मुकेश चंद्राकर एक जनवरी से लापता थे। इसके दो दो दिन बाद शुक्रवार को ठेकेदार व छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश महासिचव सुरेश चंद्राकर
इस घटना में संदिग्ध कांग्रेसी नेता सुरेश फरार बताया जा रहा है। सुरेश का छोटा भाई रीतेश चंद्राकर भी फरार था। पुलिस को उसकी थार गाड़ी हैदराबाद से मिली है। शुक्रवार की देर शाम पुलिस ने दिल्ली से उसे पकड़ा है।
कांग्रेसी नेता सुरेश पर संदेह
मुकेश चंद्राकर के बड़े भाई पत्रकार युकेश ने बताया कि नववर्ष की रात साढ़े आठ बजे तक मुकेश राउतपारा स्थित अपने घर पर ही था। देर रात कुछ लोग उसे अपने साथ बुलाकर ले गए, दूसरे दिन भी मुकेश दिखाई नहीं दिया और फोन भी बंद आ रहा था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
मुकेश के स्वजन ने इस हत्या के पीछे ठेकेदार व कांग्रेसी नेता सुरेश का हाथ होने का संदेह जताया है। इसके बाद गुरवार की दोपहर बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक चंद्रकांत गोवर्ना व थाना प्रभारी की विशेष टीम बनाकर मामले की जांच प्रारंभ की।
मोबाइल लोकेशन से मिला सुराग
एएसपी चंद्रकांत गोवर्ना ने बताया कि मुकेश के मोबाइल का अंतिम लोकेशन कांग्रेसी नेता व ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के चट्टानपारा स्थित कंस्ट्रक्शन कंपनी के परिसर में मिला। इसके बाद से फोन स्वीच आफ बता रहा था
इस परिसर में मुकेश व कुछ अन्य पत्रकार साथी सुरेश के छोटे भाई रीतेश चंद्राकर के साथ अक्सर बैडमिंटन खेलने भी जाया करते थे। गुरुवार को पुलिस की टीम रात लगभग दो बजे तक सुरेश चंद्राकर के परिसर की जांच करती रही, पर तब वहां कुछ नहीं मिला।
बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक चंद्रकांत गोवर्ना व थाना प्रभारी की विशेष टीम बनाकर मामले की जांच प्रारंभ की थी। पत्रकार की हत्या के मामले में संभाग के पत्रकारों ने शनिवार को बीजापुर बंद का आव्हान किया गया है। साथ ही अस्पताल चौक में दो घंटे का सांकेतिक चक्काजाम भी किया जाएगा।
हेलीकाप्टर में बरात में चर्चा में आया सुरेश
ठेकेदार व कांग्रेसी नेता सुरेश चंद्राकर वर्ष 2021 में हेलीकाप्टर में बरात निकालने को लेकर चर्चा में आया था। तब यह बात सामने आई थी कि शादी में उसने दस करोड़ रुपये खर्च किए थे। मूलत: बासागुड़ा में रहने वाला सुरेश का परिवार सलवा जुड़ूम आंदोलन के बाद बीजापुर आकर बस गया था और यहां आकर ठेकेदारी प्रारंभ कर दी थी।कुछ ही वर्षों में वह बड़ा ठेकेदार बन गया।
मुकेश ने उजागर किया था भ्रष्टाचार
कांग्रेस के शासन काल में विधायक विक्रम मंडावी के करीबी बताए जाते थे। यह भी बात सामने आ रही है कि मुकेश व सुरेश दोनों ही एक ही वंश के हैं और आपस में रिश्तेदारी भी थी।
पिछले दिनों सुरेश के बनाए हुए गंगालूर रोड में भ्रष्टाचार को मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया था। इसके बाद सड़क की प्रशासन की ओर से जांच प्रारंभ कर दी गई थी। इसी बात को लेकर मुकेश व सुरेश के बीच विवाद होने की बात सामने आ रही थी।