केंद्रीय रक्षा मंत्री ने की नई शिक्षा नीति की वकालत, कहा- यह मौजूदा प्रणाली को बदलने का प्रयास

By :  vijay
Update: 2025-03-28 14:50 GMT
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने की नई शिक्षा नीति की वकालत, कहा- यह मौजूदा प्रणाली को बदलने का प्रयास
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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई शिक्षा नीति को अपनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) में फील्ड वर्क, प्रैक्टिकल और अनुसंधान जैसे तत्वों को शामिल करके मौजूदा शिक्षा प्रणाली की प्रकृति को बदलने का प्रयास किया गया है।

हैदराबाद में डीआरडीओ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह ‘विज्ञान वैभव-2025’ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य की संयुक्त जिम्मेदारी है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा मिले। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसके अलावा भावी पीढ़ियां भविष्य और वैश्विक स्तर पर भी तैयार हों।

Dउन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शिक्षा का सार मन की एकाग्रता है, न कि तथ्यों को इकट्ठा करना। मुझे पता है कि भारतीय संविधान के तहत शिक्षा एक समवर्ती विषय है। यह सुनिश्चित करना केंद्र और राज्यों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि हमारी भावी पीढ़ी को अच्छी शिक्षा मिले। कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा से वंचित न रहे और आने वाली पीढ़ियां न केवल भविष्य के लिए तैयार हों, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तैयार हों।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को भविष्य के लिए और वैश्विक रूप से तैयार करना एक संयुक्त और राष्ट्रीय प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ऐसा अवसर है जो न केवल वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का स्मरण कराता है बल्कि युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय विकास के लिए विज्ञान और नवाचार अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी करता है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार धीमी थी। ऐसे में माना गया कि आर्थिक विकास में सुधार के लिए विज्ञान ही आगे का रास्ता है। यह एक स्व-उत्पादक अर्थव्यवस्था और उद्योग के साथ-साथ कृषि के लिए भी आवश्यक है। विज्ञान के प्रयोग से भारत में कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता आई है।

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