प्रियांक खरगे बोले- कर्नाटक में नहीं हो रहा नेतृत्व परिवर्तन, बिहार में एसआईआर पर भी दी प्रतिक्रिया

By :  vijay
Update: 2025-07-11 18:45 GMT
प्रियांक खरगे बोले- कर्नाटक में नहीं हो रहा नेतृत्व परिवर्तन, बिहार में एसआईआर पर भी दी प्रतिक्रिया
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कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर मंत्री प्रियांक खरगे ने लगाम लगाते हुए कहा कि 'जब कांग्रेस अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और राज्य प्रभारी स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो रहा है... तो बात यहीं खत्म हो जाती है'। वहीं विपक्ष के सवाल उठाने पर उन्होंने कहा विपक्ष को न जाने और कौन बताएगा और कितनी बार में समझ आएगा?'

बिहार में एसआईआर पर भी दी प्रतिक्रिया

जबकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बिहार में मतदाता सूचियों की विशेष जांच पुनरीक्षण (एसआईआर) जारी रखने की अनुमति दिए जाने पर, उन्होंने कहा, 'यह आंशिक रूप से स्वीकार्य है, लेकिन अब यह जरूरत और विशेष गहन अभियान क्यों... ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग अब सरकार के आदेशों का पालन कर रहा है... क्या बिहार के अलावा किसी भी अन्य राज्य में मतदान के लिए आधार और अन्य दस्तावेज मान्य हैं?... बांग्लादेशी देश में कैसे घुस आए?... सीमाएं इतनी असुरक्षित क्यों हैं? पहलगाम के हमलावर कहां हैं?'

सिद्धारमैया की बातों पर कोई भरोसा नहीं करता'

वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई ने मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पांच साल तक पद पर बने रहने के दावे पर सवाल उठाया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि जब तक कांग्रेस हाईकमान खुद स्थिति स्पष्ट नहीं करता, तब तक यह राजनीतिक ड्रामा जारी रहेगा। बसवराज बोम्मई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, सिद्धारमैया जितनी बार कहते हैं कि वे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे, उतनी ही बार यह सवाल उठता है कि क्या वाकई ऐसा होगा। जो लोग इस मुद्दे पर बोल सकते हैं, वे चुप हैं।'

हाईकमान की चुप्पी पर उठाए सवाल

भाजपा नेता ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सिद्धारमैया पूरा कार्यकाल नहीं चलाएंगे। ऐसे में यह साफ करना कांग्रेस हाईकमान का काम है कि मुख्यमंत्री वही रहेंगे या नहीं। 'मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री (डीके शिवकुमार) जो कह रहे हैं, उस पर कोई विश्वास नहीं कर रहा। हाईकमान को साफ-साफ कहना चाहिए कि आगे क्या होगा।'

सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें की खारिज

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज किया। उन्होंने कहा, 'मैं कितनी बार कहूं, इस बारे में हाईकमान से कोई चर्चा नहीं हुई है।' बता दें कि हाल ही में सिद्धारमैया दिल्ली गए थे जहां उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई थीं।

मंत्रियों ने सत्ता-बंटवारे की चर्चा को किया खारिज

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने शुक्रवार को कहा कि सत्ता-बंटवारे के समझौते और संभावित नेतृत्व परिवर्तन की खबरें अब प्रासंगिक नहीं रहीं, क्योंकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। मई 2023 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही ऐसी अफवाहें चल रही थीं कि सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के बीच सत्ता-बंटवारे का समझौता हुआ है।

गृह मंत्री ने कहा- भ्रम की स्थिति से बच सकता था

कथित समझौते के अनुसार-जिसकी न तो कांग्रेस ने पुष्टि की और न ही खंडन किया। सिद्धारमैया को पहले ढाई साल पद पर रहना था, जिसके बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। वहीं राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि अगर पार्टी महासचिवों ने इस मुद्दे को पहले ही सुलझा लिया होता, तो इस भ्रम की स्थिति से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा, 'हमें सत्ता-साझेदारी समझौते के बारे में कुछ नहीं पता। यह हमारे स्तर पर कभी नहीं आया। अगर यह मुद्दा हमारे सामने उठाया गया होता या कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में उठाया गया होता-जिसमें हमारे महासचिव भी अक्सर शामिल होते हैं-तो शायद यह भ्रम पैदा ही न होता।'

सतीश जारकीहोली और लक्ष्मी हेब्बालकर की प्रतिक्रिया

लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अभी सत्ता-साझेदारी पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है, खासकर जब शिवकुमार और उनके भाई, पूर्व सांसद डी के सुरेश, दोनों ने कहा है कि यह पद खाली नहीं है। जारकीहोली ने कहा, 'अगर आप (पत्रकार) इस बात पर चर्चा शुरू करना चाहते हैं कि अगला मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए, तो आप ऐसा कर सकते हैं। हम आपको नहीं रोकेंगे। हमारे स्तर पर यह (अध्याय) बंद हो चुका है।' बेलगावी में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने कहा कि जब राज्य के वरिष्ठ नेता पहले ही इस मुद्दे पर बोल चुके हैं तो उन्हें टिप्पणी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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