थरूर की समिति से बोली सरकार- वारदात के तुरंत बाद नौसेना ने सैकड़ों मिसाइलों के साथ तैनात किए जहाज

By :  vijay
Update: 2025-08-11 18:57 GMT
थरूर की समिति से बोली सरकार- वारदात के तुरंत बाद नौसेना ने सैकड़ों मिसाइलों के साथ तैनात किए जहाज
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नई दिल्ली भारतीय नौसेना की युद्ध तैयारियों पर फोकस होने के कारण 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद समुद्र में जहाजों की तैनाती संभव हो सकी। संसद की एक समिति ने सोमवार को यह जानकारी दी।

भारत ने इस हमले के जवाब में सात मई की सुबह 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। विदेश मामलों की संसदीय समिति ने कहा कि वह हिंद महासागर क्षेत्र में बदलते खतरे और भू-राजनीतिक हालात के चलते भारत की दीर्घकालिक समुद्री रणनीति और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की योजना को समझने में रुचि रखती है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में वाली समिति की रिपोर्ट 'भारत की हिंद महासागर रणनीति का मूल्यांकन' सोमवार को संसद में पेश की गई। समिति के एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत की समुद्री रणनीति का मकसद समुद्री डकैती, तस्करी, अवैध मछली पकड़ना, समुद्री आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाएं और जटिल भू-राजनीतिक परिस्थितियों से निपटना है, जिसके लिए पांच अलग-अलग रणनीतियां अपनाई जा रही हैं।

रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि भविष्य की समुद्री सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए युद्ध के लिए तैयार नौसेना का निर्माण और 'क्षमता, तैनाती और इरादों की स्पष्टता के जरिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना प्रमुख लक्ष्य हैं। मंत्रालय ने समिति को बताया, भारतीय नौसेना की युद्ध की तैयारियों पर फोकस और जमीम, हवा और पानी के भीतर सफल परीक्षणों के कारण आतंकी हमले के 96 घंटे के भीतर 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए जहाजों को सैकड़ों मिसाइलों के साथ तैनात किया जा सका।

मंत्रालय ने आगे कहा कि नौसेना का फोकस एक मजबूत प्रतिरोधक शक्ति बनाने पर है, जिसमें आधुनिक तकनीकों को शामिल कर बहु-आयामी जहाजों से बेड़े को मजबूत करना और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों और चोक प्वाइंट की निगरानी करना शामिल है।

संसद की विदेश मामलों पर बनी समिति ने हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी और उसके बढ़ते प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता जताई है। समिति ने कहा कि यह स्थिति भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

संसद में पेश की गई रिपोर्ट में समिति ने चीन-पाकिस्तान के बीच मजबूत होती नौसैनिक साझेदारी पर भी चिंता जाहिर की। समिति ने कहा कि इससे न केवल संयुक्त सैन्य अभ्यास को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताओं का आधुनिकीकरण भी तेज हो रहा है।

समिति ने चेतावनी दी कि ये घटनाक्रम क्षेत्र में शक्ति संतुलन को भारत के खिलाफ बदल सकते हैं और भारत की रणनीतिक स्वायत्तता व समुद्री चोक प्वाइंट पर प्रभाव को कमजोर कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हिंद महासागर क्षेत्र में दुनिया की लगभग 40% आबादी और 35 तटीय देश शामिल हैं, जहां भारत की 7,500 किमी लंबी तटरेखा और 1,300 से अधिक द्वीप हैं।

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