भारत-चीन रिश्तों में नई गर्माहट, उर्वरक और खनिज उपलब्ध कराएगा बीजिंग

Update: 2025-08-19 07:58 GMT

नई दिल्ली भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक संकेत मिले हैं. बीजिंग ने भारत को उर्वरक, दुर्लभ मृदा खनिज और टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया है. सीमा मुद्दा विशेष प्रतिनिधि वार्ता में NSA अजीत डोभाल उठाएंगे, जबकि वांग यी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे.भारत और चीन के बीच संबंधों में सकारात्मक संकेत देखने को मिलने वाले हैं. सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने डॉ. एस. जयशंकर को आश्वस्त किया कि बीजिंग जल्द ही भारत को उर्वरक, दुर्लभ मृदा खनिज और टनल बोरिंग मशीनें (TBM) उपलब्ध कराना फिर से शुरू करेगा. यह आपूर्ति बीते एक साल से बाधित थी.

इन चीजों को उपलब्ध कराए चीन

सूत्रों के अनुसार, जयशंकर ने अपनी हालिया बीजिंग यात्रा के दौरान यूरिया, एनपीके और डीएपी उर्वरकों के साथ-साथ दुर्लभ मृदा और सुरंग खोदने वाली मशीनों की कमी का मुद्दा उठाया था. चीन से होने वाली यह आपूर्ति भारत के कृषि, ऑटोमोबाइल पार्ट्स उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है.

सीमा मुद्दा NSA के जिम्मे

जयशंकर-वांग वार्ता में सीमा विवाद का मुद्दा शामिल नहीं था. इसे मंगलवार को होने वाली विशेष प्रतिनिधि वार्ता में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वांग यी के बीच चर्चा के लिए छोड़ा गया है. इस बैठक का मुख्य फोकस 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की संख्या कम करना होगा. लद्दाख में गश्त से जुड़े तनाव कुछ हद तक सुलझ चुके हैं, लेकिन दोनों ओर की सेनाएं अब भी तैनात हैं.

ताइवान और अमेरिका पर भी चर्चा

जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष को स्पष्ट किया कि भारत के ताइवान पर रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है. भारत की नीति केवल आर्थिक और सांस्कृतिक स्तर पर संबंध रखने तक ही सीमित रहेगी. वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का मुद्दा भी छाया रहा. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत दिखे कि वाशिंगटन की मौजूदा नीतियों के कारण भारत और चीन को आपसी सहयोग और संवाद बढ़ाना चाहिए.

बड़ा रणनीतिक संकेत

कूटनीतिक हलकों का मानना है कि चीन का भारत को उर्वरक, TBM और रेयर अर्थ मिनरल्स फिर से उपलब्ध कराने का फैसला, दोनों देशों के संबंधों के सामान्यीकरण की दिशा में अहम कदम है. आज शाम वांग यी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, जहां आगे की रणनीतिक दिशा तय होने की संभावना है.

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