कोटा–बून्दी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना को बड़ी राहत, वन्यजीव बोर्ड ने तीन प्रस्तावों को दी मंजूरी
नई दिल्ली। कोटा–बून्दी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना से जुड़े तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) की गुरुवार को हुई बैठक में मंजूरी मिल गई। इन प्रस्तावों में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व के बफर क्षेत्र में सीमित वन भूमि के उपयोग की अनुमति शामिल है, जिससे एयरपोर्ट निर्माण से संबंधित तकनीकी और संरचनात्मक कार्यों को गति मिल सकेगी। मंजूरी मिलने के बाद आरवीपीएनएल की ट्रांसमिशन लाइन शिफ्टिंग सहित कई ज़रूरी कार्य अब एयरपोर्ट निर्माण के समानांतर पूरे हो सकेंगे।
बैठक में 9.863 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग को मंजूरी दी गई, जिसके माध्यम से मौजूदा 220 केवी डबल सर्किट सकतपुरा–मांडलगढ़ (PGCIL भीलवाड़ा) ट्रांसमिशन लाइन को स्थानांतरित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त 4.4206 हेक्टेयर वन भूमि पर 400 केवी PGCIL–अंता ट्रांसमिशन लाइन की शिफ्टिंग को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। दोनों कार्य राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम द्वारा संपादित किए जाएंगे।
वॉटर ड्रेनेज सिस्टम निर्माण को भी हरी झंडी
केडीए द्वारा एयरपोर्ट सीमा के बाहर स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण प्रस्तावित किया गया था, जिसके लिए 0.85 हेक्टेयर वन भूमि उपयोग का मामला लंबित था। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। स्वीकृति मिलने के बाद इस प्रणाली का निर्माण किया जा सकेगा, जो एयरपोर्ट परिसर से वर्षाजल के सुरक्षित और प्रभावी निस्तारण को सुनिश्चित करेगा।
इन तीनों प्रस्तावों को एक साथ मंजूरी मिलने से कोटा–बून्दी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना को महत्वपूर्ण प्रगति मिलने की उम्मीद है।