बिना काम कराए कर दिया पांच करोड़ का भुगतान, चार सरकारी अधिकारी और पांच ठेकेदारों समेत 10 गिरफ्तार

By :  vijay
Update: 2024-07-17 18:34 GMT

गुजरात में बिना काम कराए ठेकेदारों को 5.48 करोड़ का भुगतान करने के मामले में सीआईडी ने गुजरात जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (जीडब्ल्यूएसएसबी) के पांच सरकारी अधिकारियों और पांच ठेकेदारों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों और कर्मचारियों ने फर्जी बिल, एफडीआर और अन्य दस्तावेज के जरिये फर्जी भुगतान को मंजूरी दी थी।

साल 2022 में गुजरात जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड नवसारी कार्यालय (जीडब्ल्यूएसएसबी) के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर गांवों में पीने का पानी पहुंचाने की योजना बनाई। अधिकारियों ने ऐसे क्षेत्रों में काम कराने की योजना बनाई जहां परियोजनाओं की कोई जरूरत नहीं थी। अधिकारियों ने निविदा के नियमों को पूरा किए बिना अपने चहेते ठेकेदारों को काम सौंप दिया। साथ ही बोली प्रक्रिया भी नहीं हुई और अनुबंध करा दिए। इसके बाद काम कराए बिना भुगतान के लिए बिल भेज दिए।

बोर्ड के अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि बिना काम कराए पांच करोड़ का भुगतान कर दिया गया। इस मामले में 2022 में सीआईडी ने जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सेवानिवृत्त जीडब्ल्यूएसएसबी इंजीनियर डीबी पटेल, छह वर्तमान कर्मचारी और सात ठेकेदारों समेत 14 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। इसमें जीडब्ल्यूएसएसबी ने एक लेखाकार, दो क्लर्क और एक उप अभियंता को निलंबित कर दिया। सीआईडी ने बुधवार को सेवानिवृत्त अभियंता डीबी पटेल, पांच ठेकेदार, चार जूनियर अधिकारी एक लेखाकार, दो क्लर्क और एक उप अभियंता समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सीआईडी अफसरों ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

रंगीन प्रिंट आउट निकलीं एफडीआर

सीआईडी ने जांच में पाया कि अधिकारियों ने बोर्ड के प्रधान कार्यालय में ठेकेदारों की नकली एफडीआर जमा की। अधिकारियों ने दावा किया कि ठेकेदारों ने काम कराने की सिक्योरिटी के तौर पर 20 लाख की एफडीआर जमा की। जांच में यह एफडीआर रंगीन प्रिंट आउट निकलीं।

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