डिजिटल धोखाधड़ी करने वालों की अब खैर नहीं,: साइबर अपराध के मामले में दर्ज होगी e-Zero FIR

Update: 2025-05-19 17:50 GMT
साइबर अपराध के मामले में दर्ज होगी e-Zero FIR
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 नई दिल्ली। साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों को एफआइआर दर्ज कराने के लिए अब पुलिस के चक्कर नहीं काटने होंगे। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आइ4सी) के राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (एनसीआरपी) और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर की गई शिकायत अपने आप ई-जीरो एफआइआर में तबदील हो जाएगी।

 

गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने साइबर अपराधियों के खिलाफ नकेल कसने के लिए ई-जीरो एफआइआर की सुविधा का शुभारंभ किया। फिलहाल इसे दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और 10 लाख रुपये से अधिक के साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किया जाएगा।

शिकायतें स्वचालित रूप से जीरो एफआइआर में दर्ज हो जाएंगी

अमित शाह ने कहा कि एनसीआरपी पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर पर की गई शिकायतें स्वचालित रूप से दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो एफआइआर के रूप में दर्ज हो जाएंगी।

 

उनके अनुसार इससे शिकायतकर्ताओं के गंवाए हुए धन की आसानी से वसूली हो सकेगी और साथ ही साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को भी सुगम बनाएगी।

उन्होंने कहा कि इस सिस्टम से जांच में तेजी आएगी और दिल्ली के बाद जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। दरअसल हाल ही आइ4सी के क्रियाकलापों की समीक्षा बैठक के दौरान अमित शाह ने साइबर अपराध के पीड़ितों की सहायता के लिए इसके लिए जरूरी तकनीकी प्रविधान करने का निर्देश दिया था।

इसके बाद आइ4सी के एनसीपीआर सिस्टम, दिल्ली पुलिस के ई-एफआइआर सिस्टम और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) को एकीकृत किया गया, जिससे साइबर अपराधों में ई-जीरो एफआइआर की सुविधा संभव हो सकी।

जीरो एफआइआर कैसे नियमित एफआइआर में हो सकती है तब्दील

दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन पर जीरो एफआइआर दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए इसे तत्काल संबंधित क्षेत्रीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशन को भेज दिया जाएगा। इसके बाद शिकायतकर्ता तीन के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो एफआइआर को नियमित एफआइआर में तब्दील करा सकता है।

ध्यान देने की बात है कि देश में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने से लिए गृह मंत्रालय के मातहत आइ4सी का गठन किया गया है, जो एनसीआरपी पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर का संचालन करता है। इसके साथ ही आइ4सी में साइबर अपराधियों के नए केंद्र, नए उभरते तरीकों का विश्लेषण भी किया जाता है। जिसके आधार पर विभिन्न राज्यों की पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होती है।

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