ऑटम फेयर इंटरनेशनल, बर्मिंघम में ईपीसीएच ने उपस्थिति दर्ज कराई

Update: 2024-09-02 12:56 GMT

नई दिल्ली। एनईसी, बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम में आयोजित ऑटम फेयर इंटरनेशनल, 2024 में ईपीसीएच के इंडिया पवेलियन का उद्घाटन यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम स्थित भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. वेंकटचलम मुरुगन और सदस्य प्रदर्शकों की उपस्थिति में हुआ। यह मेला 1 से 4 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि इस आयोजन में भारत के पास ऑटम फेयर इंटरनेशनल, बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम जैसे बड़े मंच पर अपनी अद्वितीय विविधता, समृद्ध संस्कृति एवं कला और शिल्प की लंबी परंपरा को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है। उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि परिषद ने देश के विभिन्न हिस्सों से सदस्य निर्यातकों की भागीदारी की व्यवस्था की है।

डॉ. वेंकटचलम मुरुगन, भारत के महावाणिज्य दूत, बर्मिंघम, यू.के., ने पवेलियन का उद्घाटन करते हुए भारतीय हस्तशिल्प को विश्व बाजारों में लाने और देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिषद के निरंतर प्रयासों की सराहना की। महावाणिज्यदूत ने सदस्य प्रतिभागियों के साथ भी बातचीत की और भविष्य के व्यापार प्रचार में हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया।

ईपीसीएच के चेयरमैन दिलीप बैद ने कहा कि परिषद नियमित रूप से ब्रिटेन के बर्मिंघम में ऑटम फेयर इंटरनेशनल में प्रदर्शन करती है। इससे ब्रिटेन के बाजार के विभिन्न आयामों के बारे में सूक्ष्म जानकारी प्राप्त होती है। उन्होंने यह भी कहा कि यूनाइटेड किंगडम दुनिया के प्रमुख बाजारों में से एक है जहां हस्तशिल्प एवं गिफ्ट उत्पादों के लिए अपार संभावनाएं हैं।

बैद ने कहा कि ऑटम संस्करण में भारत की भागीदारी मेले की जीवंतता और विविधता को बढ़ाएगी, साथ ही वैश्विक निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों को भारतीय कपड़ा, घरेलू साज-सज्जा और उपभोक्ता उत्पाद उद्योगों में मजबूत उद्यमिता से परिचित कराएगी, जिससे भारत से सोर्सिंग के अवसर खुलेंगे।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक वर्मा ने कहा कि इस संस्करण में, ईपीसीएच के 19 सदस्य निर्यातक ईपीसीएच इंडिया पवेलियन के तहत भाग ले रहे हैं, जहां होम डेकोरेटिव्स एवं एक्सेसरीज, फैशन जूलरी और एक्सेसरीज, क्रिसमस डेकोरेटिव्स, होम टेक्सटाइल एवं फर्निशिंग्स, हस्तशिल्प एवं उपहार, हस्तनिर्मित चमड़ा उत्पाद एवं फर्नीचर, और किचनवेयर आदि प्रदर्शित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए, ईपीसीएच ने मास्टर शिल्पकार और भौगोलिक संकेतक (जीआई) लगे उत्पादों के निर्माताओं के द्वारा भारतीय पारंपरिक शिल्पों के लाइव प्रदर्शन के लिए एक्सक्लूसिव पवेलियन स्थापित किया है।

आर के वर्मा ने बताया कि इसके लिए हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय ने 6 मास्टर शिल्पकारों को नियुक्त किया है। ये हैं- काष्ठ शिल्प, जगदलपुर; कच्छ बंधनी (टाई ऐंड डाई), भुज; लाह के बैंगल्स, दिल्ली; चमड़े की कठपुतली, तिरुपति; कांस्य मूर्तिकला, चेन्नई और बाघ प्रिंट, मध्य प्रदेश। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के उद्योग एवं व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने 8 जीआई उत्पादकों को प्रतिनियुक्त किया है। ये हैं- नरसापुर क्रोशिया लेस उत्पाद, आंध्र प्रदेश; मुगा सिल्क, असम; वर्ली पेंटिंग, दमन और दीव; कश्मीर पश्मीना, कानी शॉल, सोजानी शिल्प, जम्मू कश्मीर; नगीना वूड क्राफ्ट, उत्तर प्रदेश; उत्तराखंड बेरीनाग चाय, उत्तराखंड; चेरियल पेंटिंग, तेलंगाना; विलियानूर टेराकोटा वर्क्स और थिरुकन्नूर पापिए माशे, पांडिचेरी (पुदुचेरी)।

ईपीसीएच, देश से विश्व के विभिन्न स्थानों पर हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और विदेशों में भारत की छवि को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में पेश करने एक नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर.के.वर्मा ने बताया कि वर्ष 2023-24 के दौरान हस्तशिल्पों का निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 9.13% और डॉलर के संदर्भ में 6.11% की वृद्धि दर्ज हुई है।

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