ऑपरेशन सिंदूर के 52 दिन बाद भी सवाल उठा रहे राहुल, गृह मंत्री शाह ने लिया आड़े हाथ

By :  vijay
Update: 2025-06-29 18:16 GMT
ऑपरेशन सिंदूर के 52 दिन बाद भी सवाल उठा रहे राहुल, गृह मंत्री शाह ने लिया आड़े हाथ
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को तेलंगाना दौरे के दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर करारा हमला बोला है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुश्मनों को करारा जवाब दिया, तब भी राहुल गांधी सवाल उठाते रहे। यह हमारे जवानों के बलिदान का अपमान है।' उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा बलों के पराक्रम पर सवाल उठाना देश की सुरक्षा नीति को कमजोर करने जैसा है।

पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिसमें कई कुख्यात आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े और दो दशक बाद चरम पर पहुंच गए। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भारत के शहरों को निशाना बनाए जाने के बाद, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को नाकाम करते हुए उसका माकूल जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए। इससे घबराए पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेकते हुए सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों देशों ने आपसी चर्चा के बाद लागू किया।

हथियार वालों से कोई वार्ता नहीं होगी- अमित शाह

इस दौरान उन्होंने नक्सलवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, 'हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है – जो हथियार लेकर चल रहे हैं, उनसे कोई बातचीत नहीं होगी।' इस दौरान अमित शाह ने नक्सलवाद से जुड़े लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे हथियार छोड़ें, आत्मसमर्पण करें और समाज की मुख्यधारा में जुड़ें। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है।

सरकार पुनर्वास का पूरा मौका देगी- अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने इस दौरान कहा कि- अब समय आ गया है कि जो लोग बंदूक की राह पर चल रहे हैं, वे विकास और लोकतंत्र की राह अपनाएं। सरकार उन्हें पुनर्वास का पूरा मौका देगी। अमित शाह ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और केंद्रीय बलों की सख्त कार्रवाई के चलते हिंसा की घटनाएं काफी कम हुई हैं। केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकारों के साथ मिलकर विकास कार्य और सुरक्षा उपायों को आगे बढ़ा रही है।

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