हाथरस सत्संग हादसा : 121 की मौत में 11 आरोपियों पर नौ आरोप तय, डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज

By :  vijay
Update: 2025-08-06 18:35 GMT
हाथरस सत्संग हादसा : 121 की मौत में 11 आरोपियों पर नौ आरोप तय, डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज
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हाथरस हाथरस में सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी में पिछले साल दो जुलाई को हुए सत्संग हादसे में 121 लोगों की मौत के मामले में 11 आरोपियों पर नौ आरोप तय किए गए हैं। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक ने 6 अगस्त को बचाव पक्ष के उन्मोचन प्रार्थना पत्र (डिस्चार्ज एप्लीकेशन) को खारिज कर दिया है। आरोपों पर साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की गई है।

आरोप तय होने के साथ ही आरोपियों पर मुकदमे के विचारण की प्रकिया शुरू हो गई है। इसमें साक्ष्य प्रस्तुत करने के साथ गवाही और अन्य प्रकिया पूरी की जाएगी। दो जुलाई 2024 को सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मच गई थी और इसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी, करीब 250 लोग घायल हुए थे।

पुलिस ने न्यायालय में 11 आरोपियों देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, रामप्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह के विरुद्ध 3200 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें 676 गवाह बनाए गए हैं। प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक महेंद्र श्रीवास्तव के न्यायालय में हो रही है। सभी आरोपियों की जमानत हो चुकी है। न्यायालय ने बुधवार को दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद बचाव पक्ष के उन्मोचन प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।

इन धाराओं में तय हुए आरोप

भारतीय न्याय संहिता की गैर इरादतन हत्या

गैर इरादतन हत्या के प्रयास

जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध करना

लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करना

साक्ष्य मिटाने

लोकसेवक को डराना और चोट पहुंचाना

आपराधिक बल प्रयोग कर लोकसेवक को उसके कर्तव्य से भयभीत करना

श्रद्धालुओं की भीड़ की संख्या को छिपाकर आपराधिक षडयंत्र करने की धारा

क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट की धारा-सात, यानी आम जनमानस में भय व आतंक का माहौल उत्पन्न करना

यह दर्ज हुई थी रिपोर्ट

पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडेय ने हादसे की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि पूर्ववर्ती कार्यक्रमों में जुटने वाली लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाकर अनुमति ली। इसमें लगभग 2.50 लाख से अधिक लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। अनुमति की शर्तों का पालन नहीं करने के कारण जाम लग गया। दोपहर दो बजे सूरजपाल उर्फ भोले बाबा निकलने लगे तो श्रद्धालुओं ने उनकी गाड़ी के गुजरने के मार्ग की धूल समेटना शुरू कर दिया। नीचे बैठे और झुंके श्रद्धालु दबने और कुचलने लगे, भगदड़ मच गई। जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड़ में बेतहाशा दबती, कुचलती व भागती भीड़ को आयोजन समिति व सेवादारों ने अपने हाथों में लिए गए डंडों से जबरन रोक लिया गया। इस कारण भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और लोगों की मौत हो गई।

न्यायिक जांच रिपोर्ट में भोले बाबा को मिल चुकी है क्लीन चिट

हाथरस सत्संग हादसे के मामले में प्रदेश सरकार की ओर से एसआईटी व हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। इसमें सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव को सदस्य बनाया गया था।न्यायिक जांच रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को क्लीन चिट दी गई थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस की जांच को सही पाया है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कई अहम सुझाव भी दिए हैं।

भीड़ की संख्या को लेकर भी विरोधाभासी थी रिपोर्ट

न्यायिक जांच आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अनुमति देने में गंभीरता नहीं बरती गई। भीड़ की संख्या को लेकर भी विरोधाभास की स्थिति थी। सत्संग के आयोजक देव प्रकाश मधुकर ने 18 जून 2024 को उप जिलाधिकारी सिकंदराराऊ से मानव मंगल मिलन समागम कराने के लिए अनुमति मांगी थी। इसमें उन्होंने 80 हजार लोगों की भीड़ एकत्रित होने की संभावना जताई थी। इस पर एसडीएम ने सीओ और एसएचओ से जांच कर स्पष्ट आख्या मांगी थी।

इंस्पेक्टर सिकंदराराऊ आशीष कुमार सिंह ने 29 जून 2024 को अपनी आख्या में एक लाख लोगों की भीड़ जुटने की संभावना जताई। एलआईयू ने अपनी रिपोर्ट में दो लाख की भीड़ जुटने का अनुमान लगाते हुए रिपोर्ट दी थी। इसके बाद भी एक एसएचओ, चार इंस्पेक्टर, छह दरोगा, दो महिला दरोगा,चार ट्रैफिक पुलिस कर्मी और डेढ़ सेक्शन पीएसी सहित कुल 69 पुलिस कर्मी ही लगाए गए थे। 55 पुलिसकर्मी और एक प्लाटून पीएसी की भी अतिरिक्त मांग की गई थी, लेकिन यह नहीं मिली थी।

गरमा गई थी सियासत, सीएम योगी-राहुल गांधी पहुंचे थे

हाथरस सत्संग हादसे के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई थी और विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। हादसे के बाद स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक सहित दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को तुरंत हाथरस भेज दिया गया था। अगले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं हाथरस पहुंचे थे। महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा शर्मा भी हाथरस पहुंची थी। तीन दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हाथरस पहुंचकर मृतकों के परिजनों और घायलों से मिले थे।

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