ट्रंप टैरिफ: मुझे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं तैयार हूं', पीएम मोदी का आया पहला रिएक्शन

© ट्रंप के टैरिफ एलान पर पीएम मोदी का जवाब
© “किसानों का हित सर्वोपरि,
© कोई भी कीमत चुकाने को तैयार
नई दिल्ली |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस मुद्दे पर परोक्ष प्रतिक्रिया दी है। पीएम ने साफ कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी सेक्टर के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा – चाहे इसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
प्रधानमंत्री मोदी का दो टूक संदेश
एमएस स्वामीनाथन की स्मृति में आयोजित **शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन** में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा –
> “हमारे लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत कभी किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूं।”
एमएस स्वामीनाथन को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका योगदान भारत की खाद्य सुरक्षा और कृषि नीति में अमूल्य रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा। मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है।'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सामान पर 25% अतरिक्त टैक्स लगा दिए है। यह टैक्स भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर लगाया गया है। इस फैसले के बाद भारत से अमेरिकी बाजार में जाने वाले सामान पर कुल 50% टैक्स लगने लगेगा। ऐसे में भारत में इस बात को लेकर भी बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिका के इस कदम को अनुचित और दोहरे मापदंड वाला बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका खुद रूस से कई चीजें मंगा रहा है, लेकिन भारत को निशाना बना रहा है।
मोदी ने साझा किया गुजरात का अनुभव
प्रधानमंत्री ने कहा:
> “जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड ) की शुरुआत की थी। उस समय प्रो. स्वामीनाथन ने हमें मार्गदर्शन दिया। उनकी सलाह से यह योजना अत्यधिक सफल रही।”
भारत माता के सच्चे सपूत थे स्वामीनाथन”
“कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनका योगदान किसी युग या क्षेत्र तक सीमित नहीं होता। स्वामीनाथन जी ने विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया और देश की खाद्य सुरक्षा को अपने जीवन का लक्ष्य।”
क्या यह बदलाव की चेतावनी है?
पीएम मोदी के इस बयान को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीति के सन्दर्भ में एक *स्पष्ट नीति रेखा* के रूप में देखा जा रहा है – जहाँ घरेलू हितों, खासकर किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा गया है।
> अमेरिका की टैरिफ नीति के जवाब में भारत की यह दृढ़ता एक संकेत है कि देश अब दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं।