भारत ने इस्राइल-ईरान टकराव पर SCO का बयान के किनारा किया, विदेश मंत्रालय ने कही यह बात
भारत ने इस्राइल और ईरान के टकराव पर SCO के बयान से किनारा कर लिया है। शनिवार को विदेश मंत्रालय ने कहा, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने इस्राइल और ईरान के बीच हाल के घटनाक्रम पर एक बयान जारी किया है। भारत ने एससीओ के बयान से जुड़ी उपर्युक्त चर्चा में भाग नहीं लिया। ईरान पर किए गए इस्राइली हमलों की निंदा करने वाले बयान से खुद को अलग करते हुए भारत ने स्पष्ट किया कि उसने उन चर्चाओं में भाग ही नहीं लिया जिसके बाद एससीओ की निंदा करने वाली टिप्पणियां सामने आईं।
भारत ने स्पष्ट की अपनी स्थिति
विदेश मंत्रालय ने कहा, इस्राइल-ईरान तनाव पर भारत का रुख स्वतंत्र है। पहली बार 13 जून को जारी बयान में इसे बताया जा चुका है। दोनों देशों के बीच शांति और बातचीत का आह्वान करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्तों का उपयोग किया जाना चाहिए। यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उस दिशा में प्रयास करे।
नौ परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने का दावा
बता दें कि इस्राइल ने ईरान के नौ परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने का दावा किया है। इस्राइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने मृतकों की सूची भी जारी की है। इसके अलावा एक वीडियो जारी कर इस्राइल ने ये समझाया है कि परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने के लिए ईरान में किन ठिकानों को निशाना बनाया गया है। आईडीएफ ने कहा है कि एक साथ हुए हमलों में 9 ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। ये सभी लोग बम बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रहे थे और काफी आगे बढ़ चुके थे।
साढ़े चार दशक बाद सबसे बड़ा हमला
बता दें कि ईरान पर हो रहे ताबड़तोड़ हमले 45 साल बाद की गई इस्राइल की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई हैं। इस संबंध में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान पर यह हमला उसे ऑपरेशन राइजिंग लॉयन (उभरता शेर अभियान) का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ईरान, इस्राइल के अस्तित्व के लिए खतरा है। ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, इस्राइल के इस हमले में रेवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी का निधन हो गया। इसके अलावा तेहरान में कई रिहायशी इमारतों को भी निशाना बनाया गया। हमले में मारे जाने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं।