जिंदगी रंज-ओ-गम का मेला है, कल मैं रहूं या ना रहूं, ..अगले ही दिन इंदौर के कथावाचक का साइलेंट अटैक से निधन

Update: 2025-04-03 11:51 GMT
जिंदगी रंज-ओ-गम का मेला है, कल मैं रहूं या ना रहूं, ..अगले ही दिन इंदौर के कथावाचक का साइलेंट अटैक से निधन
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कथावाचक पंडित राकेश व्यास ने कथा में कहा था कि जिंदगी रंज-ओ-गम का मेला है, कल मैं रहूं या ना रहूं, तुम रहो या ना रहो, कथा का श्रवण कर लीजिए, राजा हो या फकीर एक दिन सभी को इस संसार से जाना है।

 दो दिन बाद राजगढ़ जिले के ब्यावरा में कथा कर रहे इंदौर के कथाचाक पंडित राकेश व्यास का साइलेंट हार्ट अटैक से निधन हो गया। भवंरगंज मित्र मंडल के तत्वाधान में शहर के राजगढ़ रोड स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में चल रही थी। दो दिन की कथा करने के बाद मंगलवार की रात में उन्हें साइलेंट अटैक आया और हृदय गति रुक जाने से उनकी मौत हो गई।

समिति द्वारा उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार पं. राकेश व्यास (51) (इंदौर वाले) की मौत हृदय गति रुकने से हो गई। सुबह जब कथा के आयोजक चाय देने के लिए गए तो वे उठ ही नहीं पाए।

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