नाच न जाने आंगन... राहुल गांधी के चुनाव आयोग वाले बयान पर धर्मेंद्र प्रधान का तीखा हमला

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग (ECI) पर बिहार चुनाव में वोटों की चोरी करने का आरोप लगाने के बाद, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर पलटवार किया. प्रधान ने कहा, 'राहुल की स्थिति उस कहावत के समान है, नाच ना जानने के लिए मंच को दोष देना'. अपनी एक्स पोस्ट में प्रधान ने ओडिशा में कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली को सिरे से खारिज करते हुए उसे राजनीतिक पर्यटन की एक नई मिसाल बताया. प्रधान ने दो टूक कहा, 'ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 'संविधान बचाओ' रैली, वास्तव में, कांग्रेस के राजकुमार द्वारा एक और पॉलिटिकल टूरिस्ट स्टंट थी.
राहुल गांधी और कांग्रेस बचाने का मामला
प्रधान ने राहुल गांधी पर तीखा तंज कसते हुए कहा, 'यह संविधान बचाने का नहीं, बल्कि राहुल गांधी और कांग्रेस को बचाने का मामला था, जिसे रैली का नाम दे दिया. ओडिशा की जन-कल्याणकारी बीजेपी सरकार में जनता का अटूट विश्वास कांग्रेस को परेशान कर रहा है. ओडिशा में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है. ओडिशा के गरीबों, दलितों, आदिवासियों, किसानों और मजदूरों ने दशकों पहले कांग्रेस को नकार दिया था. इसलिए राहुल गांधी का ओडिशा के गरीबों के कल्याण की बात करना सिर्फ़ एक धोखा है.
कांग्रेस होती तो...
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास हमेशा से गरीबों और वंचित वर्गों के अधिकारों की उपेक्षा का रहा है. प्रधान ने कहा, 'कांग्रेस सरकारों द्वारा दिल्ली से भेजा गया धन या तो बिचौलियों द्वारा लूट लिया गया या SC-ST और OBC के अधिकारों की कीमत पर अपने पसंदीदा वोट बैंकों में बांट दिया गया. गरीबों और आदिवासियों की ज़मीन के अधिकार तभी तक सुरक्षित हैं जब तक कांग्रेस सत्ता में नहीं है.'
बौखला गई कांग्रेस!
लोकतांत्रिक संस्थाओं को दोष देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करते हुए प्रधान ने कहा, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद राहुल गांधी और खड़गे अपनी हार के लिए चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं को दोषी ठहरा रहे हैं. यह आश्चर्यजनक है कि जिस कांग्रेस पार्टी ने कभी देश पर आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटा और संविधान को रौंदा, वही अब संविधान बचाने का उपदेश दे रही है.