पीएम मोदी ने नेताओं को दी नसीहत, कहा- हर मुद्दे पर बोलना जरूरी नहीं

By :  vijay
Update: 2025-05-25 19:29 GMT
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने एकजुटता का प्रदर्शन किया है। राजग के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों ने ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों के पराक्रम और पीएम मोदी के साहसी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए प्रस्ताव पारित किया। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक की जानकारी दी। वहीं, बैठक के दौरान पीएम मोदी ने पार्टी के नेताओं के लिए कुछ जरूरी निर्देश भी दिए।

पीएम मोदी ने दिए नेताओं को निर्देश

पीएम मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की अहम बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों के अनुसार, कुछ पार्टी नेताओं के अनर्गल बयानों से नाराज पीएम ने टो-टूक शब्दों में कहा कि सार्वजनिक जीवन में वाणी की मर्यादा बनाए रखना आवश्यक है। हर मुद्दे पर बोलना जरूरी नहीं होता है। गैरजरूरी टिप्पणियां पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने यह हिदायत हाल ही में विजय शाह, जगदीश देवड़ा, रामचंद्र जांगड़ा जैसे पार्टी नेताओं के पहलगाम नरसंहार और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई विवादित बयानबाजी पर दी। कांग्रेस समेत विपक्ष ने इन भाजपा नेताओं के बयानों को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा और देश से माफी मांगने की मांग की। बैठक में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई।

जाति गणना पर भी चर्चा

एनडीए के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाति गणना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार के उस मॉडल की दिशा में एक कदम है, जिसके तहत वे हाशिए पर पड़े लोगों और हर क्षेत्र में पिछड़े लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाएंगे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में हासिल की गई उपलब्धियों की पुष्टि भी है, जिसमें स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी की सटीकता भी दुनिया ने देखी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्यों को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जुड़े साहसिक, समावेशी और दूरदर्शी विजन दस्तावेज तैयार करने चाहिए, जो स्थानीय वास्तविकताओं पर आधारित होने चाहिए।

जातिगत जनगणना पर बोले नड्डा

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में NDA का सीएम कॉन्क्लेव हुआ। इस कॉन्क्लेव में दो प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं, आगे जातिगत जनगणना पर चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि हम जातिगत राजनीति नहीं करते लेकिन वंचित, पीड़ित, शोषित और दलित जो लोग छूट गए हैं, उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का काम करते हैं। यह समाज की आवश्यकता है। जातिगत जनगणना के माध्यम से हम इसे देखते हैं और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समाज की आवश्यकता है। जाति जनगणना के माध्यम से हम इसे देखते हैं और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। बैठक में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा था कि यह सेना का शौर्य है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है। एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि बैठक में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान पर भी चर्चा हुई। नक्सलवाद को लेकर जो योजनाएं चल रही हैं, उन पर चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी रणनीति पर चर्चा की और उन्होंने हमारा मार्गदर्शन किया और सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को बताया कि हमने इसे हराने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल कैसे किया है। उस चर्चा में छत्तीसगढ़ के सीएम ने बताया कि हमने नक्सलवाद के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ी है और हमें कैसे सफलता मिल रही है।

इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 25-26 जून को आपातकाल के 50 साल पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर एनडीए इसका पर्दाफाश करेगा और जनता को उन लोगों के बारे में बताएगा जिन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की थी।

इन अहम मुद्दों पर भी हुई चर्चा

सूत्रों का कहना है कि बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और जाति जनगणना के अलावा मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ और सुशासन तथा बिहार चुनाव के मुद्दे पर चर्चा हुई। साथ ही विभिन्न राजग शासित सरकारों की ओर से अपनाए गए सर्वोत्तम कदमों पर भी विचार-विमर्श हुआ। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी प्रमुख योजनाओं पर प्रस्तुति भी दी।

20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री हुए शामिल

बैठक में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा भी शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में राज्यों के 20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री भी शामिल हुए।

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