प्रधानमंत्री मोदी के पास 3.02 करोड़ की संपत्ति ,: प्रधानमंत्री मोदी के पास 3.02 करोड़ की संपत्ति , गाड़ी और न घर, 5 साल में इतनी हुई कमाई

Update: 2024-05-14 17:19 GMT

वाराणसी। नरेंद्र मोदी ऐसे प्रधानमंत्री है जिनके पास न घर है और न ही गाड़ी, संपत्ति के नाम पर मात्र 3  करोड रुपए और हैऔर नकदी तो मात्र 52 हजार रुपए ही है।प्र

धानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मंगलवार को वाराणसी से नामांकन पत्र दाखिल किया। हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया है। उनके पास कुल तीन करोड़ दो लाख छह हजार 889 रुपये की संपत्ति है। अपना खुद का कोई घर नहीं है। कोई गाड़ी भी नहीं  है।

प्रधानमंत्री के पास कुल 52,920 रुपये नकद हैं, जबकि 2019 में उनके पास सिर्फ 38,750 नकद राशि थी। वहीं स्टेट बैंक के गांधीनगर शाखा में 73,304 और वाराणसी शाखा में केवल 7000 हजार रुपये हैं।सके अलावा 9,12,398 रुपये की एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट) भी है। एक दशक पहले खरीदी गई 45 ग्राम की सोने की चार अंगूठी की कीमत 2,67,750 रुपये है जबकि वर्ष 2019 में दाखिल हलफनामे के अनुसार अंगूठी का मूल्य एक लाख 13 हजार 800 रुपये था। इस तरह, पांच वर्ष बाद अंगूठी की कीमत एक लाख 53 हजार 950 रुपये बढ़ गई है।

बैंक ने 2023-24 में उनके खाते से 3,33,179 रुपये की आय कर और टीडीएस काटा है। मोदी 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने थे। 2019 में भी वह पीएम बने। उससे पहले वह 2001 से 2014 तक तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

पांच साल में बढ़ी 12,41,250 रुपये वार्षिक आमदनी

माेदी ने पिछले पांच साल की आयकर विवरणी में आय का ब्योरा भी शपथ पत्र के साथ दिया है! इसमें उनकी वार्षिक आमदनी में 12,41,250 रुपये की वृद्धि दर्शाई गई है।

वर्ष 2018-19 में 11,14,230 रुपये

वर्ष 2019-20 में 17,20,760 रुपये

2020-21 में 17,07,930 रुपये

2021-22 में 15,41,870 रुपये

2022-23 में 23,56,080 रुपये

2019 में दाखिल हलफनामा अनुसार वार्षिक आमदनी

2013-14 में 969711 रुपये

2014-15 में 8,58780 रुपये

2015-16 में 19,23160 रुपये

2016-17 में 14,59750 रुपये

2017-18 में 19,92,520 रुपये

2019 में था पैतृक संपत्ति में एक चौथाई हिस्सा

2019 के हलफनामे के अनुसार गुजरात के गांधी नगर स्थित आवासीय भवन (प्लाट नंबर 401 ए सेक्टर वन गांधी नगर) में पीएम मोदी की पैतृक संपत्ति का एक चौथाई हिस्सा था। प्लॉट को 25 अक्टूबर 2002 में खरीदा गया था। उस समय उसका मूल्य एक लाख 30 हजार 488 रुपये था और भवन निर्माण में 2,47208 रुपये खर्च हुआ था।

प्लाट लेने और भवन बनाने में कुल खर्च हुए 377696 रुपये व्यय हुए, लेकिन इस बार हलफनामे में इस प्रॉपर्टी का कोई जिक्र नहीं है। पहले भी उनके ऊपर किसी तरह का कोई केस किसी न्यायालय में लंबित नहीं था, आज भी दामन साफ हैं। उनके ऊपर कोई बकायेदारी नहीं है। शपथ पत्र में पत्नी का नाम यशोदाबेन है, लेकिन उनके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है। पत्नी से संबंधित विवरण की कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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