राहुल गांधी को जनता की नब्ज नहीं समझ, इसलिए कांग्रेस चुनाव हार रही है अमित शाह
नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमति शाह ने रविवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा। शाह ने कहा कि राहुल की लगातार चुनावी हार का कारण जनता की भावना और विकास की राजनीति को न समझ पाना है।
अहमदाबाद में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, भाजपा जनता के भरोसे और संवेदनशील शासन के जरिये बार-बार जनादेश हासिल कर रही है, जबकि कांग्रेस इससे कटती जा रही है। शाह ने संसद में राहुल के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पूछा था कि कांग्रेस लगातार चुनाव क्यों हार रही है। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि अगर राहुल दो सार्वजनिक कार्यक्रमों के नतीजे भी समझ लें, तो उन्हें इसका जवाब मिल जाएगा। वह जनता की समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय एफआईआर और कानूनी मुद्दों में ज्यादा रुचि रखते हैं। यह राहुल का काम भी नहीं है, लेकिन फिर भी वह उसी में उलझे रहते हैं।
बंगाल-तमिलनाडु में भी हारेगी कांग्रेस
शाह ने दावा किया कि कांग्रेस आने वाले समय में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी चुनाव हारेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा वर्ष 2029 में फिर से सत्ता में लौटेगी। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राम मंदिर निर्माण, पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक, बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई, अनुच्छेद 370 हटाने और काशी में मंदिर निर्माण जैसे जनसमर्थन वाले फैसलों का विरोध किया। जब जनता जिन मुद्दों का समर्थन करती है, कांग्रेस उनका विरोध करेगी तो उसे वोट कहां से मिलेंगे।
मलेरिया के मामलों में आई 97 फीसदी कमी
गृह मंत्री शाह ने कहा कि भारत में मलेरिया के मामलों में 97 फीसदी की कमी आई है और देश जल्द ही इस बीमारी से मुक्त हो जाएगा। अहमदाबाद के शेला में आयोजित भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि आयुष्मान भारत और मिशन इंद्रधनुष जैसी स्वास्थ्य योजनाओं की वजह से मलेरिया के मामलों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि डेंगू से होने वाली मौतों की दर घटकर केवल एक फीसदी रह गई है, जबकि मातृ मृत्यु दर में 25 फीसदी की कमी आई है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में केंद्र सरकार का स्वास्थ्य बजट 37 हजार करोड़ रुपये था, जो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़कर 1.28 लाख करोड़ रुपये हो गया है। शाह ने कहा कि ये सभी उपलब्धियां तब संभव होती हैं, जब योजनाएं जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू की जाती हैं और इससे नागरिकों के स्वास्थ्य में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
गृहमंत्री अमित शाह ने डॉक्टरों से कहा कि उन्हें अपनी कोशिशों को सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं और बुनियादी ढांचे के साथ जोड़ना चाहिए, ताकि बेहतर नतीजे सामने आएं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश को स्वस्थ जनसंख्या की जरूरत है और इसमें डॉक्टरों व आईएमए की भूमिका पहले से कहीं अधिक अहम हो गई है।
उन्होंने कहा कि 2014 से केंद्र सरकार समग्र दृष्टिकोण के साथ एक मजबूत स्वास्थ्य तंत्र बनाने का प्रयास कर रही है। इसके तहत स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत, फिट इंडिया आंदोलन और खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों पर फोकस किया गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने जेनेरिक दवाओं को सस्ता बनाया, कई दवाओं से जीएसटी हटाया और मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ाई है। उन्होंने बताया कि एम्स का विस्तार किया जा रहा है और आने वाले समय में एम्स के जरिये टेलीमेडिसिन और वीडियो के माध्यम से प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मार्गदर्शन देने का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
आईएमए की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर अमित शाह ने संगठन से आग्रह किया कि वह सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में अपने योगदान की दिशा पर पुनर्विचार करे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में नैतिकता को शामिल करना जरूरी है और इसमें आईएमए की अहम जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आईएमए ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार करे, जो टेलीमेडिसिन के माध्यम से रोजाना तीन घंटे जरूरतमंद लोगों को स्वेच्छा से चिकित्सा परामर्श देने के लिए तैयार हों। अमित शाह ने डॉक्टरों से कहा कि आज बीमारी के बजाय 'कल्याण' (वेलनेस) की सोच अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दवाइयों के साथ-साथ मरीजों को जीवनशैली में बदलाव और अच्छी आदतों के बारे में भी सलाह दी जानी चाहिए।
