विधानसभा चुनाव के लिए RSS और BJP ने बनाई ये रणनीति

Update: 2024-09-08 12:33 GMT

 नई दिल्ली। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने लड़ाई वाली बूथों पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ये वो बूथ हैं जिनपर भाजपा को मिलने वाले वोट कम-ज्यादा होते रहते हैं, लेकिन ये किसी सीट पर हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं।

लोकसभा चुनाव के नतीजों से सबक लेते हुए भाजपा ने जुलाई में ही इस रणनीति के तहत विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी शुरू कर दी दी। पार्टी ने मंडल स्तर से लेकर विधानसभा और लोकसभा स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को इन बूथों पर जनसंपर्क की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है और अपने-अपने क्षेत्र में काम देखने को कहा है।लोकसभा चुनाव परिणामों की आंतरिक समीक्षा के दौरान यह साफ हुआ कि 2014 और 2019 में जिन बूथों पर भाजपा ने विपक्षी दलों पर बढ़त हासिल की थी, उन्हीं बूथों पर 2024 में पिछड़ गई और इसका असर चुनाव नतीजों पर पड़ा। इसे देखते हुए भाजपा ने विधानसभा चुनावों में लड़ाई वाले बूथों पर ज्यादा ध्यान केंद्रीत करने का फैसला किया है।दरअसल अमित शाह के अध्यक्ष रहने के दौरान 2014 से 2019 के दौरान भाजपा ने देश भर में 10 लाख से अधिक बूथों को तीन श्रेणियों में बांटकर काम शुरू किया था। इनमें ए श्रेणी में उन बूथों को रखा गया था, जिनपर भाजपा को पिछले तीन चुनावों में लगातार 69 फीसद से अधिक वोट मिलते रहे हैं।

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