मदरसे में नकली नोट छापने वाला प्रिंसिपल निकला जेहादी, RSS और देशविरोधी साजिश का भी खुलासा

Update: 2024-09-04 10:01 GMT

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हाल ही में हैरान करने वाला एक मामला सामने आया है. दरअसल, एक मदरसे में वहां के मौलवी पर नकली नोट छापने का आरोप लगा. पढ़ाई की आड़ में वहां चलाए जा रहे काला व्यापार के इस मामले में अब आगे और खुलासे हो रहे हैं. मदरसा जामिया हबीबिया से जुडी बड़ी अपडेट सामने आई है. 

जामिया हबीबिया मदरसे का प्रिंसिपल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में तो लिप्त था ही, साथ ही वो जेहादी मानसिकता का भी था. मदरसे में जहां से वो नकली नोटों को छापने का कारखाना चला रहा था, वहां से जेहादी साहित्य भी मिला है. इसमें आरएसएस के खिलाफ भड़काऊ और आतंकी साजिशों से जुड़ी सामग्री है. मदरसे का प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड है, जो अब गिरफ्तार हो चुका है.

खुलासा हुआ है कि मदरसे के प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल के कमरे से उर्दू भाषा में भड़काऊ साहित्य मिली है. बरामद उर्दू साहित्य का नाम आरएसएस मुल्क में सबसे दहशतगर्द तंजीम है. बरामद साहित्य में आरएसएस के खिलाफ कई भड़काऊ लेख हैं. देश में हुए कई आतंकी घटनाओं का भी साहित्य में जिक्र किया गया है. महाराष्ट्र पुलिस के रिटायर्ड मुस्लिम पुलिस आधिकारी ने भड़काऊ साहित्य लिखी है. जांच एजेंसियां उर्दू साहित्य से जुड़ी किताब की भी पड़ताल कर रही हैं.

पूरा मामला प्रयागराज के अतरसुईया इलाके के जामिया हबीबिया मदरसे का है. जहां पर मौलवी मोहम्मद तफसीरूल की सहमति पर नकली नोट बनाए जा रहे थे, इस तरह के आरोप लगते हैं. पुलिस द्वारा छापा मारे जानें और घटनास्थल से मौलवी समेत चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था. पुलिस की मानें तो मौके से 100 रुपये के कुल 1300 नोट बरामद हुए. मौलवी ने जानकारी दी कि शहर के अलग अलग इलाकों में इन नकली नोटों को खपाया जा रहा था. मदरसे के कमरे से नकली नोटों के अलावा प्रिंटर, स्कैनर व नकली नोट बनाने की मशीन और नोट बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले कागज भी बरामद किए गए.

नकली नोट खपाने के लिए लगाए गए दो शख्स

पुलिस के अनुसार मदरसा जामिया हबीबिया के प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरूल ने ओडिशा के रहने वाले एक ऐसे शख्स को किराए पर मदरसे के कमरे में रखा जोकि नकली नोट बनाने में माहिर है, इसका नामा जाहिर खान है. नकली नोट बनाने को लेकर प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरूल को जानकारी थी और वह जाहिर खान के साथ शेयर होल्डर भी था. डीसीपी नगर दीपक भूकर के मुताबिक पिछले तीन महीने से मदरसे के भीतर नकली नोट बनाने का खेल चल रहा था. मार्केट में नकली नोट खपाया जा सके इसके लिए प्रयागराज के करैली निवासी मोहम्मद अफजल व मोहम्मद शाहिद को काम पर लगाया गया था. 

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